स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट(SIPRI)ने ‘विश्व सैन्य व्यय के रुझान‘ रिपोर्ट, 2022 जारी
हाल ही में स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) ने ‘विश्व सैन्य व्यय के रुझान’ (Trends in World Military Expenditure) रिपोर्ट, 2022 जारी की है ।
SIPRI स्वीडन स्थित एक स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय संस्थान है। यह संघर्ष, आयुध, शस्त्र नियंत्रण और निरस्त्रीकरण के क्षेत्र में अनुसंधान के प्रति समर्पित है ।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष:
- वर्ष 2022 में पांच सबसे बड़े सैन्य व्ययकर्ता देश थे – संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, रूस, भारत और सऊदी अरब । कुल वैश्विक सैन्य व्यय में इन देशों की हिस्सेदारी 63% है।
- भारत 81.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर के सैन्य व्यय के साथ, 2022 में विश्व का चौथा सबसे बड़ा व्ययकर्ता था ।
- वर्ष 2022 में कुल वैश्विक सैन्य व्यय रियल टर्म्स में 3.7 प्रतिशत बढ़कर 2240 बिलियन अमेरिकी डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया था ।
- यह वैश्विक GDP का 2.2 प्रतिशत हिस्सा है। रियल टर्म्स एक ऐसे मूल्य को संदर्भित करता है, जिसे मुद्रास्फीति के प्रभावों को ध्यान में रखते हुए समायोजित किया गया है।
- यूक्रेन पर रूस द्वारा किया गया आक्रमण 2022 में सैन्य व्यय में वृद्धि का एक प्रमुख कारण था ।
- भारतीय सैन्य बजट में कार्मिक व्यय ( वेतन और पेंशन) सबसे बड़ा व्यय वर्ग रहा है। यह कुल सैन्य व्यय का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा है।
- पूंजीगत परिव्यय पर भारत का व्यय 2022 में कुल सैन्य व्यय का 23% था ।
- वित्त वर्ष 2022-23 में भारत का रक्षा निर्यात लगभग 16,000 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है।
- भारत ने 2025 तक 35,000 करोड़ रूपये के वार्षिक रक्षा निर्यात का लक्ष्य निर्धारित किया है।
- भारत के प्रमुख निर्यात उत्पादों में डॉर्नियर -228, 155 मिमी एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन्स (ATAG ), ब्रह्मोस मिसाइल, आकाश मिसाइल प्रणाली आदि शामिल हैं।
सरकार द्वारा रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए किए गए प्रयास
IDEX (रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार): मेक इन इंडिया पुर्जों और घटकों / प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण / प्रमुख प्लेटफार्म्स और उपकरणों के निर्यात के लिए तीन ओपन जनरल एक्सपोर्ट लाइसेंस (OGEL) की अधिसूचना आदि ।
स्रोत – सिपरी