विश्व व्यापार संगठन (WTO) में, चीन एक विकासशील देश है
विश्व व्यापार संगठन में विकासशील देश के रूप में चीन का दर्जा एक विवादास्पद मुद्दा बन गया है। इसका कारणयह है कि चीनWTO के मानदंडों के अनुरूप विकासशील देशों के लिए आरक्षित लाभ प्राप्त कर रहा है।
चीन एक उच्च मध्यम आय वाला देश है।
इसके अतिरिक्त, चीन पर यह आरोप है कि वह अनुचित व्यापार प्रथाओं का उपयोग करता है। उदाहरण के लिएअपने देश के उद्यमों के साथ अधिमानी व्यवहार और डेटा प्रतिबंध आदि।
इसलिए, कई देशों ने चीन से आग्रह किया है कि वह या तो विकासशील देशों के लिए उपलब्ध लाभों की मांग नकरे या स्वयं को विकासशील देश की श्रेणी में न रखे।
विश्व व्यापार संगठन में विकासशील देशः
- WTO ने “विकसित” और “विकासशील” देशों को परिभाषित नहीं किया है।सदस्य देश स्वयं घोषणा करते हैं कि वे विकसित देश हैं या विकासशील देश हैं।
- हालांकि, यदि कोई सदस्य विकासशील देशों के लिए उपलब्ध प्रावधानों का उपयोग करने का निर्णय करता है, तोअन्य सदस्य देश इस पर आपत्ति कर सकते हैं।
विकासशील देश के रूप में दावा करने के लाभः
- विकासशील देशों को विशेष और विमेदक व्यवहार (Special and differential treatment) प्रावधानोंके माध्यम से विशेष अधिकार प्राप्त हैं।
- WTO के समझौते विकासशील देशों के लिए अधिक उदार लक्ष्य निर्धारित करते हैं। साथ ही, कुछ लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए उन्हें अधिक समय दिया जाता है।यह अन्य देशों को अधिमानी व्यवहार करने की अनुमति देता है, जैसे कि वरीयता की सामान्यीकृत प्रणाली (Generalized system of Preferences: GSP).
- GSP एक गैर-पारस्परिक अधिमानी प्रशुल्क प्रणाली है। यह WTO के सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र सिद्धांत (Most Favored Nation principle) से छूट प्रदान करती है।
विश्व व्यापार संगठन में अल्प विकसित देश (LDC)
विश्व व्यापार संगठन, संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित मानदंडों के आधार पर किए गए वर्गीकरण के माध्यम से LDCs को मान्यता देता है। इन मानदंडों की प्रत्येक तीन वर्षों में समीक्षा कीजाती है।
LDC का निर्धारण वर्तमान में तीन मानदंडों परआधारित है:
- प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय (GNI), मानव परिसंपत्ति और बाहरी आघातों के प्रति आर्थिक सुभेद्यता।
- हाल ही में बांग्लादेश को LDC का दर्जा दिए जाने पर भी चिंता प्रकट की गई है। हालांकि, प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद के मामले में बांग्लादेश, भारत से आगे निकल गया है।
स्रोत –द हिन्दू