विश्व विकास रिपोर्ट 2023 जारी
हाल ही में “प्रवासी,शरणार्थी और समाज” शीर्षक से विश्व बैंक द्वारा विश्व विकास रिपोर्ट, 2023 जारी की गई है।
इस रिपोर्ट में प्रवासियों को निम्नलिखित चार प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है-
- ऐसे कौशल वाले शरणार्थी, जिनकी अधिक मांग है,
- मांग के अनुरूप कौशल वाले आर्थिक प्रवासी,
- संकटग्रस्त प्रवासी और
- शरणार्थी।
रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष –
- दुनिया भर में लगभग 184 मिलियन लोगों के पास उस देश की नागरिकता नहीं है, जहां वे रहते हैं। इनमें 37 मिलियन शरणार्थी भी शामिल हैं।
- विदेशों में कार्य करने वाले भारतीयों की आय में 120% की वृद्धि देखी गई है। इसकी तुलना में आंतरिक प्रवास करने वाले भारतीयों की आय में 40% की ही वृद्धि दर्ज की गई है।
- कम कुशल भारतीय प्रवासी, जो संयुक्त राज्य अमेरिका चले गए थे, उनकी आय में लगभग 500% की महत्वपूर्ण वृद्धि देखने को मिली है।
- भारत संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत-बांग्लादेश और भारत खाड़ी सहयोग परिषद को शीर्ष प्रवासी गलियारों में गिना जाता है।
रिपोर्ट के प्रमुख सुझाव
- एक ‘मैच एंड मोटिव’ फ्रेमवर्क को अपनाना चाहिए। यह फ्रेमवर्क इस पर आधारित होगा कि प्रवासियों के कौशल उनके गंतव्य देशों की जरूरतों से कितना सुमेलित हैं । साथ ही, यह इस पर भी आधारित होगा कि उनके प्रवास के प्रेरक कारक क्या हैं ।
- मूल देशों को अपनी विकास रणनीति में श्रम प्रवासन को भी एकीकृत करना चाहिए ।
- गंतव्य देशों को अपनी श्रम जरूरतों को पूरा करने के लिए मजबूत “मैच माइग्रेशन प्रणाली” का उपयोग करना चाहिए । साथ ही, प्रवासियों के समावेशन को सुविधाजनक बनाना चाहिए ।
प्रवास के बारे में
प्रवासी वे होते हैं, जो अपने सामान्य निवास (Habitual residence) वाले देश से अन्य देश में चले जाते हैं और जिस देश में निवास करते हैं, उसके नागरिक नहीं होते हैं ।
प्रवासन का महत्त्व:
- श्रम आवश्यकताओं की पूर्ति करता है,
- प्रवासियों की आय में वृद्धि होती है और जीवन स्तर में सुधार होता है,
- विप्रेषण (remittance) की प्राप्ति और ज्ञान का हस्तांतरण होता है आदि ।
प्रवासन की चुनौतियां:
- प्रतिभा का पलायन होता है,
- सामाजिक-आर्थिक समावेशन में कठिनाइयां आती हैं,
- प्रवासियों को मिलने वाले अधिकार कम होते हैं आदि ।
स्रोत – डाउन टू अर्थ