विश्व वन स्थिति रिपोर्ट (SOFO) 2022
हाल ही में खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने विश्व वन स्थिति रिपोर्ट (SOFO) 2022 जारी की है ।
इस रिपोर्ट में हरित आवरण की पूर्व स्थिति को बहाल करने की बात कही गई है। साथ ही, जलवायु परिवर्तन एवं जैव विविधता की हानि सहित पृथ्वी के बहुआयामी संकटों से निपटने के लिए उपायों पर विचार किया गया है। रिपोर्ट में 3 वन उपायों (फॉरेस्ट पाथवे) की क्षमता की पड़ताल की गई है।
एक–दूसरे से जुड़े ये तीन वन उपाय निम्नलिखित हैं:
- वनों की कटाई को रोकना और उन्हें संरक्षित रखना;
- निम्नीकृत भूमि में सुधार करना और कृषि वानिकी का विस्तार करना;
- वनों का संधारणीय उपयोग करना और हरित मूल्य श्रृंखला का निर्माण करना।
SOFO 2022 के प्रमुख निष्कर्ष
- पिछले 30 वर्षों में विश्व के कुल वन क्षेत्र के लगभग 34% हिस्से का लोप हुआ है। हालांकि, इस दौरान वनों की कटाई की दर भी कम हो रही थी।
- विश्व स्तर पर, वनों की कटाई या निम्नीकरण के जोखिम वाले पारितंत्रों में कम से कम 260 गीगाटन कार्बन भंडारित है। इस कार्बन को रिकवर करना अत्यंत कठिन होता है या न के बराबर होता है। इन पारितंत्रों में विशेष रूप से पीट भूमि, मैंग्रोव, पुराने विकसित वन और दलदली भूमि शामिल हैं।
- बढ़ती आबादी और पर्यावरणीय प्रभावों को कम करने की आवश्यकता के कारण विश्व को अधिक नवीकरणीय सामग्रियों की आवश्यकता होगी।
- विश्व का आधे से अधिक सकल घरेलू उत्पाद, सामान्य या उच्च रूप से पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं पर निर्भर करता है।
- पूर्वोत्तर भारत में, स्थानीय बाजारों में दिखाई देने वाली जंगली पौधों और कवक की 160 से अधिक प्रजातियां कई परिवारों की कुल आय में 75% तक का योगदान करती हैं।
- 250 नए संक्रामक रोगों में से 15% वनों से संबंधित हैं।
स्रोत –द हिन्दू