विश्व मलेरिया रिपोर्ट 2022
हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने विश्व मलेरिया रिपोर्ट 2022 जारी की है।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष:
- कोविड-19 के निरंतर प्रभाव के बावजूद, वर्ष 2021 में मलेरिया के मामलों और मौतों की संख्या स्थिर रही है।
- वर्ष 2021 में मलेरिया के विश्व स्तर पर लगभग 247 मिलियन मामले दर्ज किए गए थे तथा इससे 6, 19,000 लोगों की मौत हुई थी।
- WHO के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के अंतर्गत भारत में मलेरिया के 79% मामले दर्ज किए गए हैं। साथ ही, मलेरिया से होने वाली कुल मौतों में से 83% मौतें भारत में हुई हैं।
मलेरिया
- मलेरिया एक मच्छर जनित रक्त रोग (Mosquito Borne Blood Disease) है जो प्लाज़्मोडियम परजीवी (Plasmodium Parasites) के कारण होता है।
- यह रोग संक्रमित मादा एनाफिलीज मच्छरों के काटने से लोगों में फैलता है।
- पांच परजीवी प्रजातियों के कारण मनुष्यों में मलेरिया फैलता है। इनमें से दो प्रजातियां पी. फाल्सीपेरम (अफ्रीकी महाद्वीप में सबसे अधिक प्रचलित) और पी. विवैक्स ( उप-सहारा अफ्रीका के बाहर प्रचलित ) सबसे बड़ा खतरा हैं।
मलेरिया नियंत्रण के प्रयास:
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अपनी ‘ई-2025 पहल’ के अंतर्गत वर्ष 2025 तक मलेरिया उन्मूलन क्षमता वाले 25 देशों की पहचान की है।
- भारत में मलेरिया उन्मूलन के प्रयास वर्ष 2015 में शुरू किये गए थे तथा वर्ष 2016 में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के नेशनल फ्रेमवर्क फॉर मलेरिया एलिमिनेशन (NFME) की शुरुआत के बाद इन प्रयासों में और अधिक तेज़ी आई।
- NFME मलेरिया के लिये WHO की वैश्विक तकनीकी रणनीति 2016–2030 (GTS) के अनुरूप है।
- ज्ञात हो कि वैश्विक तकनीकी रणनीति WHO के वैश्विक मलेरिया कार्यक्रम (GMP) का मार्गदर्शन करती है, जो मलेरिया को नियंत्रित करने और समाप्त करने के लिये WHO के वैश्विक प्रयासों के समन्वय हेतु उत्तरदायी है।
- मलेरिया उन्मूलन के लिये राष्ट्रीय रणनीतिक योजना (2017-22) जुलाई 2017 में शुरू की गई थी जिसमें आगामी पांच वर्षों हेतु रणनीति निर्धारित की गई है।
स्रोत – द हिन्दू