विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा विश्व मलेरिया रिपोर्ट 2021
हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा “विश्व मलेरिया रिपोर्ट 2021” जारी की गई है ।
यह रिपोर्ट, कोविड-19 वैश्विक महामारी की पृष्ठभूमि में मलेरिया की रोकथाम हेतु देशों द्वारा की गई कार्रवाई का आकलन करती है।
मुख्य निष्कर्ष
- 85 मलेरिया स्थानिक देशों में, वर्ष 2019 में 227 मिलियन मामलों की तुलना में वर्ष 2020 में मलेरिया के अनुमानित 241 मिलियन मामले दर्ज किए गए।
- वर्ष 2019 और वर्ष 2020 के मध्य मलेरिया के मामलों में कमी को बनाए रखने में प्रगति दर्ज करने वाला भारत एकमात्र उच्च मलेरिया भार वाला देश था।
- उप-सहारा अफ्रीका में मलेरिया सर्वाधिक प्रभावी है। वर्ष 2020 में मलेरिया के सभी मामलों का लगभग 95% और मलेरिया से होने वाली मौतों का 96% इसी क्षेत्र से संबंधित था।
मलेरिया की रोकथाम के बारे में
- “WHO ग्लोबल मलेरिया प्रोग्राम” (GMP) मलेरिया को नियंत्रित करने और समाप्त करने के WHO के वैश्विक प्रयासों के समन्वय के लिए उत्तरदायी है।
- इसके कार्य मलेरिया के लिए वैश्विक तकनीकी रणनीति (2016-2030) द्वारा निर्देशित हैं। इसे मई 2015 में विश्व स्वास्थ्य सभा द्वारा अपनाया गया था। इसे वर्ष 2021 में अपडेट किया गया है।
- वैश्विक तकनीकी रणनीति (GTS), वर्ष 2030 तक वैश्विक मलेरिया मामलों और संबंधित मृत्यु दर को से कम 90% तक कम करने का लक्ष्य निर्धारित करती है।
भारत द्वारा उठाए गए कदमों में शामिल हैं –
मलेरिया उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय रणनीतिक योजना, 2017; मलेरिया सहित वाहक जनित रोगों को नियंत्रित करने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन; मलेरिया उन्मूलन अनुसंधान गठबंधन–भारत (मेरा–भारत/MERA-India) आदि।
मलेरिया के बारे में
यह मच्छर जनित एक प्राणघातक रक्त-रोग है, जो प्लाज्मोडियम परजीवी के कारण होता है। यह परजीवी संक्रमित मादा एनाफिलीज़ मच्छरों के काटने से फैलता है।
स्रोत – द हिन्दू