विश्व मधुमक्खी दिवस
20 मई को ‘विश्व मधुमक्खी दिवस’ (World Bee Day) मनाया जाता है। इसे प्रतिवर्ष आज ही के दिन मनाया जाता है ।
इसका मुख्य कारन है कि वर्ष 1734 में आज हही के दिन ‘मधुमक्खी पालन’ के प्रणेता एंटोन जानसा (Anton Jana) का जन्म हुआ था।
स्लोवेनिया द्वारा प्रस्तुत किये गए प्रस्ताव के परिणामस्वरूप वर्ष 2017 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा 20 मई को विश्व मधुमक्खी दिवस के रूप में घोषित किया गया ।
इस वर्ष विश्व मधुमक्खी दिवस 2022 का विषय- ‘बी एंगेज्ड: सेलिब्रेटिंग द डायवर्सिटी ऑफ बीज़ एंड बीकीपिंग सिस्टम्स’ है।
सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयास:
- सरकार, किसानों की आय दोगुनी करने के अपने लक्ष्य के अंतर्गत, मधुमक्खी पालन को बढ़ावा दे रही है।
- हाल ही में सरकार द्वारा ‘आत्मनिर्भर अभियान’ के अंतर्गत मधुमक्खी पालन हेतु 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
- ‘राष्ट्रीय मधुमक्खीपालन व शहद मिशन’ (National Beekeeping and Honey Mission- NBHM) के एक भाग के रूप में प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु ‘राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड’ द्वारा चार मॉड्यूल बनाए गए हैं और 30 लाख किसानों को मधुमक्खी पालन में प्रशिक्षित किया गया है। इनको सरकार की ओर से आर्थिक सहायता भी प्रदान की जा रही है।
मीठी क्रांति:
- मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिये भारत सरकार द्वारा मीठी क्रांति नामक एक महत्त्वाकांक्षी पहल चलाई जा रही है।
- मीठी क्रांति को बढ़ावा देने हेतु सरकार द्वारा वर्ष 2020 में (कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तहत) राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन शुरू किया गया।
- राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन का लक्ष्य 5 बड़े क्षेत्रीय एवं 100 छोटे शहद व अन्य मधुमक्खी उत्पाद परीक्षण प्रयोगशालाएँ स्थापित करना है।
- भारत शहद उत्पादक देशों में विश्व के शीर्ष पांच देशों में शामिल है।
- आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, 2013-14 से 2019-20 के बीच शहद के निर्यात में लगभग 110 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
स्रोत –द हिन्दू