विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2021 जारी
हाल ही में 180 देशों को शामिल करते हुए ‘विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक’ (World Press Freedom Index) 2021 जारी किया गया है। जिसमें भारत को 142वां स्थान प्राप्त हुआ है। इससे पहले भारत 2020 में भी 142 वें स्थान परथा।
विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक को प्रति वर्ष अंतर्राष्ट्रीय पत्रकारिता के एक गैर लाभकारी संगठन “रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स” (आरएसऍफ़) द्वारा जारी किया जाता है।
आरएसऍफ़द्वारा जारी ‘विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक’ का प्रथम संस्करण वर्ष 2002 में पहली बार प्रकाशित किया गया था।
प्रमुख बिंदु:
- इस सूचकांक में नॉर्वे को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। इससे पहलेभी लगातार पाँच वर्षों से नार्वे पहले स्थान पर रहा है।सूचकांक में दूसरा स्थान फिनलैंड और तीसरा स्थान डेनमार्क को प्राप्त हुआ है।
- इरीट्रिया देश को इससूचकांक में सबसे निचले(180वें)पायदान पर रखा गया है,इसके बाद क्रमशः चीन ,तुर्कमेनिस्तान और उत्तरी कोरिया 177वें, 178वें और 179वें स्थान पर है।
- विदित हो कि इस सूचकांक में भारत अपने पड़ोसी देशों से भी खराब प्रदर्शन कर रहा है। इस सूचकांक में नेपाल ,श्रीलंकाऔर भूटान को क्रमशः 106वाँ, 127वाँ और 65वाँ स्थान प्राप्त हुआ है।जबकि पाकिस्तान को145 वां स्थान प्राप्त हुआ है ।
भारत के खराब प्रदर्शन के पीछे कारण:
- इस रिपोर्ट ने सरकार द्वारा निर्मित किये गए भय-युक्त वातावरण को ज़िम्मेदार ठहराया है, जो अक्सर उन्हें राज्य विरोधी या राष्ट्र विरोधी करार देता है।
- कश्मीर में पुलिस और अर्द्ध-सैनिक बलों द्वारा पत्रकारों के उत्पीड़न की कई घटनाएँ सामने आई हैं।
- पत्रकारों पर किये गए हमलों की बहुलता एवं पत्रकारों के विरुद्ध पुलिस हिंसा ,राजनीतिक कार्यकर्ताओं द्वारा पीड़ित किया जाना और आपराधिक समूहों या भ्रष्ट स्थानीय अधिकारियों द्वारा दण्डित करना शामिल है |
स्रोत – द हिन्दू