हाल ही मेंअंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) ने “विश्व प्रवासन रिपोर्ट 2022”जारी की है।
अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन सभी के लाभ के लिए मानवीय और व्यवस्थित प्रवासन को बढ़ावा देने वाला एक प्रमुख अंतर-सरकारी संगठन है। भारत, इसका एक सदस्य देश है।
IOM द्वारा प्रत्येक दूसरे वर्ष इस रिपोर्ट का प्रकाशन किया जाता है।
रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएं
- वर्ष 2020 में लगभग 1 करोड़ अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी थे।
- यह वैश्विक आबादी का 6% है।
- यूरोप और एशिया में 61% वैश्विक अंतर्राष्ट्रीय प्रवासियों का आगमन हुआ।
- आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों की संख्या वर्ष 2000 के 1 करोड़ से बढ़कर वर्ष 2020 में 5.5 करोड़ हो गई थी।
- संघर्षों की तुलना में जलवायु परिवर्तन के कारण घटित होने वाली आपदाओं से अधिक लोग विस्थापित हो रहे हैं। वर्ष 2020 में, आपदाओं के कारण 07 करोड़ नए लोगों का विस्थापन हुआ था।
- भारत में आपदाओं के कारण लगभग चालीस लाख नए लोग विस्थापित हुए हैं।
- वर्ष 2019 में 6 करोड़ शरणार्थियों की तुलना में, वर्ष 2020 में वैश्विक स्तर पर 2.64 करोड़ शरणार्थी थे।
- कोविड-19 का प्रभावः जहां अरबों लोग कोविड-19 से प्रभावित हुए हैं, वहीं करोड़ों लोग अपने ही देशों में विस्थापित हुए हैं।
- विप्रेषित धन में कुल वृद्धिः वर्ष 2000 में 126 बिलियन डॉलर से बढ़कर वर्ष 2020 में 702 बिलियन डॉलर ।
- भारत, चीन, मैक्सिको, फिलीपींस और मिस्र शीर्ष पांच विप्रेषण प्राप्तकर्ता देश थे।
स्रोत – द हिंदू