विश्व धरोहर हिमनद रिपोर्ट
हाल ही में यूनेस्को और IUCN ने संयुक्त रूप से “विश्व धरोहर हिमनदः जलवायु परिवर्तन के प्रहरी {World Heritage Glaciers (WHG) Sentinels of climate change}’ शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की है।
- इस रिपोर्ट में 50 विश्व धरोहर हिमनदीकृत स्थलों (World Heritage Glacierized Sites: WHGSs) में हिमनदों के समक्ष मौजूद खतरों को रेखांकित किया गया है।
- साथ ही, इसमें इन हिमनदों के संरक्षण के लिए कुछ सुझाव भी प्रदान किए गए हैं।
- हिमनद मंद गति से गतिशील हिमपिंड होते हैं। इनका निर्माण ठंडे स्थानों में हिम के संचयन और ठोस क्रिस्टल का रूप धारण करने से होता है।
इस रिपोर्ट के मुख्य बिन्दु
- वर्ष 2000 के बाद से विश्व धरोहर हिमनद (WHGs) तेजी से पिघल रहे हैं। इसने वैश्विक स्तर पर समुद्री जलस्तर में हुई वृद्धि में लगभग 5% का योगदान दिया है।
- वर्ष 2050 तक WHGSs के 1/3 भाग में हिमनद समाप्त हो जाएंगे। साथ ही, वर्ष 2100 तक WHGSs के लगभग आधे भाग में हिमनद पूरी तरह से समाप्त हो सकते हैं।
- हिमनदों के पिघलने की दर में वृद्धि होगी। इसके परिणामस्वरूप, हिमनद झील के टूटने से आने वाली बाढ़ (Glacial Lake Outburst Floods: GLOFs) की घटनाएं हो सकती हैं।
- हिमनद झीलों के तटबंधों के ढहने/टूटने से GLOFs की घटनाएं होती हैं। इसके कारण ढलान की दिशा में स्थित घाटियों में अचानक और प्रचंड बाढ़ आ जाती है।
- ग्लोबल वार्मिंग को 5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने से WHG के 2/3 हिस्से को बचाया जा सकता है।
मुख्य सिफारिशें
- WHGs से जुड़ी जानकारी के अभाव का पता लगाना और निगरानी नेटवर्क में सुधार करना चाहिए।
- अग्रिम चेतावनी प्रणाली लागू करना और आपदा जोखिम को कम करने के उपाय लागू करने चाहिए।
- हिमनदों से संबंधित व्यापक अनुसंधान में सहायता प्रदान करने और प्रभावी कार्रवाई संबंधी उपाय विकसित करने हेतु अंतर्राष्ट्रीय कोष का निर्माण करना चाहिए।
हिमनदों का महत्व
- जलवायु परिवर्तन को समझने के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण संकेतक
- महत्वपूर्ण पारितंत्र सेवाओं का स्त्रोत और उच्च जैव-विविधता
- पृथ्वी की लगभग 10% सतह पर हिमनद मौजूद हैं
- कई स्थानीय समुदायों के लिए पवित्र स्थान
- वैश्विक स्तर पर लाखों पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र
- लगभग आधी मानव आबादी के लिए महत्वपूर्ण जल संसाधन प्रदान करते हैं।
स्रोत – द हिन्दू