अंतर्राष्ट्रीय डेयरी संघ – विश्व डेयरी सम्मेलन (IDF-WDS) 2022
हाल ही में प्रधान मंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय डेयरी संघ-विश्व डेयरी सम्मेलन (IDF-WDS) 2022 का उद्घाटन किया है ।
चार दिवसीय IDF-WDS 2022 में वैश्विक और भारतीय डेयरी हितधारक शामिल होंगे। इनमें उद्योग जगत से जुड़े व्यक्ति, किसान और नीति निर्माता आदि शामिल हैं।
इससे पहले ऐसा सम्मेलन वर्ष 1974 में भारत में आयोजित किया गया था।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधान मंत्री ने भारत के सांस्कृतिक परिदृश्य में ‘पशुधन’ और दूध से संबंधित व्यवसाय को केंद्रीय महत्व दिए जाने पर बल दिया।
भारत में डेयरी क्षेत्र की स्थिति-
- भारत दुग्ध उत्पादन में विश्व में प्रथम स्थान पर है। विश्व में सर्वाधिक गोजातीय आबादी भारत में पाई जाती है।
- विश्व में दूध के कुल उत्पादन में भारत का लगभग 23% हिस्सा है। भारत में प्रतिवर्ष लगभग 210 मिलियन टन दूध का उत्पादन होता है।
- डेयरी, कृषि से संबद्ध ऐसा क्षेत्र है, जो राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में अकेला 5% का योगदान करता है। पिछले 5 वर्षों में इसने 4% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) हासिल की है।
- भारत में शीर्ष 5 दूध उत्पादक राज्य हैं: उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और आंध्र प्रदेश।
भारत में डेयरी क्षेत्र का महत्व-
- यह एक सहकारी मॉडल पर आधारित है, जो लघु और सीमांत डेयरी किसानों को सशक्त बनाता है।
- यह क्षेत्र महिलाओं को सशक्त बनाता है, क्योंकि महिलाएं भारत के डेयरी क्षेत्र में मौजूद कार्यबल में 70% का प्रतिनिधित्व करती हैं।
- डेयरी संचालन के लिए कम पूंजी की आवश्यकता होती है। साथ ही, यह ग्रामीण जनता को प्रत्यक्ष रोजगार भी प्रदान करता है।
- यह क्षेत्र पोषण सहायता प्रदान करता है।
- यह ग्रामीण गरीबी और असमानता को कम करता है। इसके अलावा, यह लाखों ग्रामीण परिवारों के लिए खाद्य सुरक्षा भी सुनिश्चित करता है।
डेयरी क्षेत्र की प्रमुख पहले-
- डेयरी प्रसंस्करण और अवसंरचना विकास कोषः यह कोष दशकों पुराने शीतलन एवं प्रसंस्करण संयंत्रों को बदलने तथा मूल्य वर्धित उत्पाद संयंत्रों को जोड़ने के लिए स्थापित किया गया है।
- राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रमः इसका उद्देश्य दूध और दुग्ध उत्पादों की खरीद, प्रसंस्करण तथा विपणन के लिए डेयरी अवसंरचना का निर्माण करना व उसे मजबूती प्रदान करना है।
स्रोत –द हिन्दू