विशेष गुणों (special traits) वाली फसलों की 35 किस्में राष्ट्र को समर्पित
हाल ही में प्रधानमंत्री ने विशेष गुणों (special traits) वाली फसलों की 35 किस्में राष्ट्र को समर्पित की हैं ।
इन विशेष गुणों वाली फसल की किस्मों को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (Indian Council of Agricultural Research: ICAR) द्वारा विकसित किया गया है। ये फसलें जलवायु परिवर्तन तथा कुपोषण की दोहरी चुनौतियों से निपटने हेतु तैयार की गई हैं।
इन 35 किस्मों में शामिल हैं:
जलवायु प्रतिरोधी फसलें: काबुली चने की सूखा सहिष्णु किस्म, विल्ट और स्टरिलिटी मौज़ेक प्रतिरोधी अरहर, सोयाबीन की शीघ्र पकने वाली किस्म, चावल की रोग प्रतिरोधी किस्में आदि।
उच्च पोषण युक्त फसलें: गेहूं, बाजरा, मक्का और काबुली चना आदि की बायोफोर्टिफाइड किस्में।
ये विशेष लक्षण युक्त फसलों की किस्में निम्नलिखित समस्याओं का समाधान करने में मदद करेंगीः
- कृषि के समक्ष जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न होने वाले जोखिम (जैसे नए कीटों के हमले, नए रोगों में वृद्धि आदि)। ICAR द्वारा जलवायु परिवर्तन के प्रति सुभेद्यता के आकलन के अनुसार, भारत में 109 ग्रामीण जिले अत्यधिक उच्च जोखिमग्रस्त (very high-risk) जिलों के रूप में, जबकि 201 जिले जोखिम ग्रस्त (risk)जिलों के रूप में वर्गीकृत हैं।
- कुछ फसलों में पोषण-रोधी कारक (Anti-nutritional factors: ANF) पाए गए हैं, जो मानव एवं पशु स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं।
- ANF को उन पदार्थों के रूप में परिभाषित किया गया है, जो प्राकृतिक खाद्य पदार्थों में प्रजातियों के सामान्य उपापचय द्वारा उत्पन्न होते हैं। ये खाद्य पदार्थोंमें इष्टतम पोषण के विपरीत प्रभाव डालते हैं।
- इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने रायपुर, छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान (National Institute of Biotic Strees Management) के परिसर का भी उद्घाटन किया।
स्रोत – हिन्दू