विमानन क्षेत्र की चुनौतियों के समाधान हेतु 3 सलाहकार समूहों का गठन

विमानन क्षेत्र की चुनौतियों के समाधान हेतु 3 सलाहकार समूहों का गठन 

हाल ही में, नागरिक विमानन मंत्रालय ने एयरलाइंस, विमान पत्तनों तथा रखरखाव, मरम्मत और जीर्णोद्धार (Maintenance, Repair and Overhaul: MRO) के लिए तीन सलाहकार समूहों का गठन किया है।

इनमें से प्रत्येक की अध्यक्षता नागर विमानन मंत्री द्वारा की जाएगी तथा सरकारी अधिकारी और संबंधित उद्योग के प्रतिभागी सदस्यों के रूप में होंगे।

मुख्य बिंदु

  • एयरलाइनों का समूह घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय कनेक्टिविटी बढ़ाने के तरीकों, हवाई यात्रा के दौरान यात्री सुविधाओं से संबंधित मामलों, एयरलाइनों की व्यवहार्यता को सुरक्षित रखने के तरीकों आदि पर परामर्श प्रदान करेगा।
  • विमान पत्तनों का समूह राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन के तहत लक्ष्यों सहित विमान पत्तनों की क्षमता बढ़ाने, बुनियादी ढांचे में वृद्धि और आधुनिकीकरण, विमान पत्तन प्रशुल्कों से संबंधित मुद्दों तथा विमान पत्तनों के पूंजीगत व्यय (capital expenditure: CAPEX) प्रदर्शन पर परामर्श प्रदान करेगा।
  • रखरखाव, मरम्मत और जीर्णोद्धार के लिए समूह एयर कार्गों परिवहन में भारतीय वाहकों की भागीदारी बढ़ाने और रोजगार वृद्धि को बढ़ावा देने आदि के उपायों पर चर्चा करेगा।
  • भारतीय नागर विमानन उद्योग सबसे तेजी से बढ़ते उद्योगों में से एक है। ज्ञातव्य है कि यह वर्ष 2024 तक हवाई यात्रियों के मामले में विश्व स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा विमानन उद्योग बनने की ओर अग्रसर है।
  • वित्त वर्ष 2021 के लिए, कोविड-19 विमानों की आवाजाही, हवाई यात्री और माल ढूलाई सहितसंपूर्ण क्षेत्र के लिए एक बड़ा व्यवधान बन गया है। इससे इन सभी में नकारात्मक वृद्धि हुई है।

इस क्षेत्र के लिए हाल ही में की गई अन्य पहले

  • ओपनस्काई सेवा समझौताः यह समझौता इंडियन एयरलाइंस के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने हेतु संपन्न किया गया है।
  • राष्ट्रीय एयर कार्गो नीति, 2019: यह नीति एयर कार्गों से जुड़ी दक्षता और कनेक्टिविटी में सुधार के लिए निर्मित की गई है।
  • उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान) योजनाः नए विमान पत्तनों की स्थापना या गैर-सेवारत विमान पत्तनोंको पुनः संचालित करने के लिए आरंभ की गई है।
  • निजी क्षेत्रक को बढ़ावाःग्रीन फील्ड एयरपोर्ट परियोजनाओं में 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति दीगयी है। इसमें 49 प्रतिशत FDI स्वतः मार्ग के माध्यम से तथा इससे अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश सरकारी मार्ग के माध्यम से किया जा सकेगा।
  • दिशा (DISHA) परियोजनाः यह योजना भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा परिचालन दक्षता बढ़ाने के लिए प्रारंभकी गई है।

स्रोत – पी आई बी

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