आसियान (ASEAN) विदेश मंत्रियों की बैठक संपन्न
हाल ही में भारत के विदेश मंत्री ने दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन (ASEAN) के विदेश मंत्रियों की मेजबानी की।
यह बैठक आसियान-भारत संवाद संबंधों के 30 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित की गयी थी।
पिछले वर्ष म्यांमार में सैन्य सत्ता परिवर्तन के बाद आसियान देशों के बीच आम सहमति के उपरांत म्यांमार को बैठक के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था।
वे इस बात पर सहमत थे कि म्यांमार के साथ जुड़ाव गैर-राजनीतिक और गैर-सैन्य स्तर पर होना चाहिए।
आसियान और भारत के बीच संवाद पर आधारित संबंध वर्ष 1992 में एक क्षेत्रीय साझेदारी की स्थापना के साथ शुरू हुए थे।
भारत–आसियान संबंध:
- आसियान भारत का तीसरा सबसे बड़ा इंजीनियरिंग निर्यात बाजार है।
- आसियान को भारत के कुल निर्यात में इंजीनियरिंग वस्तुओं की हिस्सेदारी 40% है।
- आसियान भारत का पांचवां सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है।
आसियान का महत्व:
- आसियान भारत की एक्ट ईस्ट नीति का केंद्र बिंदु है।
- आसियान भारत की ऊर्जा सुरक्षा के केंद्र में है।
- आसियान की सामरिक अवस्थिति भारत के लिए महत्वपूर्ण है।
- आसियान भारत की व्यापक हिंद-प्रशांत नीति का केंद्र बिंदु है।
- वर्ष 2020-21 में आसियान और भारत का कुल द्विपक्षीय व्यापार 90 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया था।
- आसियान के साथ भारत का व्यापार घाटा 93 अरब अमेरिकी डॉलर का है।
- आसियान एक अंतर-सरकारी संगठन है। इसकी स्थापना वर्ष 1967 में हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य आर्थिक विकास और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देना है।
स्रोत –द हिन्दू