विदेशी मुद्रा विनिमय भंडार
हाल ही में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले साल सितंबर में 642 अरब डॉलर के शिखर से गिरकर करीब 530 अरब डॉलर हो गया है।
भारत के ‘विदेशी मुद्रा भंडार’ में गिरावट के कारण:
- आरबीआई द्वारा डॉलर और अन्य मुद्राओं में संपत्तियों के मूल्य में गिरावट।
- रुपये की रक्षा के लिए मुद्रा बाजार में केंद्रीय बैंक का हस्तक्षेप। उदाहरण के लिए, रुपये की रक्षा के लिए आरबीआई ने 2022 की शुरुआत के बाद से कुल $43.15 बिलियन डॉलर की बिक्री की है।
प्रभाव: इससे ‘चालू खाता घाटा’ में वृद्धि हो सकती है। मार्च 2023 को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष के लिए ‘चालू खाता घाटा’ सकल घरेलू उत्पाद के 3% से ऊपर रहने की उम्मीद है।
आरबीआई द्वारा उठाए गए कदम:
आरबीआई ने विदेशी मुद्रा प्रवाह को उदार बनाने के उपायों की घोषणा की थी, जिसमें विदेशी निवेशकों को सरकारी ऋण के एक बड़े हिस्से तक पहुंच प्रदान करना और गैर-निवासियों से अधिक जमा राशि जुटाने के लिए बैंकों को व्यापक अवसर देना शामिल था।
स्रोत – द हिन्दू