विदेशी अभिदाय विनियमन अधिनियम (FCRA)

विदेशी अभिदाय विनियमन अधिनियम (FCRA)

सरकार प्रायः गैर-सरकारी संगठनों के विदेशी धन से जुड़े मामलों में विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम (FCRA) के प्रावधानों को लागू करती है।

पश्चिम बंगाल स्थित एक गैर-सरकारी संगठन (NGO) ने विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम (FCRA), 2010 के कुछ प्रावधानों के तहत उसके वित्त पोषण को निलंबितकरने पर चिंता व्यक्त की है।

FCRA 2010 के प्रयुक्त प्रावधान (गृह मंत्रालय के तहत)

  • धारा 13- FCRA प्रमाण-पत्र को 180 दिनों से अनधिक अवधि के लिए लंबित किया जा सकता है। निलंबन की अवधि के दौरान कोई विदेशी अभिदाय (अंशदान) प्राप्तनहीं किया जाएगा।
  • धारा 14(4) में प्रावधान किया गया है कि अधिनियम के किसी भी नियम या प्रावधान का उल्लंघन करने पर FCRA प्रमाण-पत्र (विदेशी धन प्राप्त करने के लिएआवश्यक) को रद्द किया जा सकता है।
  • ज्ञातव्य है कि उपर्युक्त धारा को ‘धार्मिक परिवर्तन/धर्मातरण’ संबंधी गतिविधियों के लिए कई बार लागू किया गया है।

भारत में NGOs के विनियमन के संबंध में प्रावधान

वित्त मंत्रालय द्वारा विनियमित विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA), 1999:

कुछ NGOs हैं, जो FEMA के तहत पंजीकृत हैं और भारत में विभिन्न संगठनों को विदेशी धन का वितरण जारी रखते हैं।

FCRA संशोधन 2020 के तहत नए नियमों में गैर-सरकारी संगठनों के विनियमन के संबंध में निम्नलिखित प्रावधान किए गए हैं:

  • एक NGO से दूसरे NGO में फंडट्रांसफर पर रोक।
  • विदेशी निधियों के माध्यम से प्रशासनिक व्यय को 50% से घटाकर 20% करना।
  • पंजीकरण के लिए आधार को अनिवार्य बनाना।
  • विदेशी धन प्राप्त करने के लिए पंजीकरण या पूर्व अनुमति प्राप्त करना।

स्रोत – द हिन्दू

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