विकास वित्त संस्थान (DFI)स्थापित करने हेतु एक विधेयकको मंजूरी
विकास वित्त संस्थान (DFI)स्थापित करने हेतु एक विधेयकको मंजूरी
हाल ही में केन्द्रीय मंत्रीमंडल ने 20,000 करोड़ रुपये की प्रारंभिक भुगतान पूंजी के साथ एक सरकारी स्वामित्व वाले विकास वित्त संस्थान (डीएफआई) स्थापित करने हेतु एक विधेयक को मंजूरी दी।
मुख्य बिंदु :
- सरकार का विकास वित्त संस्थान की स्थापना का मुख्य उद्देश्य दीर्घकालिक वित्त जुटाना है|
- इसे स्थापित करके, सरकार बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और अन्य विकासात्मक जरूरतों के लिए दीर्घकालिक फंड प्रदान कर कुछ वर्षों में ही बाजारों से लगभग 3 ट्रिलियन रुपये का लाभ उठा सकती है।इसके अलावा, सरकार संस्थानों को अनुदान के रूप में 5,000 करोड़ रुपये देगी।
- अनुदान को कर-बचत बांड के रूप में प्रदान किया गया है।यदि विकास वित्त संस्थान बहुपक्षीय या द्विपक्षीय संस्थानों से उधार लेता है तो इससे पूँजी की नुकसान से सुरक्षा होगी ।
- प्रारंभ में विकास वित्त संस्थान पूरी तरह से सरकारी स्वामित्व वाला होगा और अगले कुछ वर्षों सरकार की हिस्सेदारी 26 प्रतिशत तक कम की जाएगी।
- लंबी अवधि के प्रतिस्पर्धी जैसे बीमा और पेंशन फंड को आकर्षित करने के लिए सरकार डीएफआई में निवेश किए गए फंड में 10 साल की कर छूट प्रदान करेगी |
विकास वित्त संस्थान :
- यह विकासशील देशों में स्थापित किये जाने वाले अलग तरह के बैंक हैं जिनकी स्थापना इन देशों में विकास परियोजनाओं को वित्त प्रदान करने वाले एक विशेष संस्थान के रूप की जाती हैं।
- विकास वित्त संस्थान वाणिज्यिक बैंकों से भिन्न हैं ये सिर्फ ग्राहकों को ऋण ही प्रदान नहीं करते हैं, बल्कि ये अर्थव्यवस्था के महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों के विकास में सहायक के रूप में भी कार्य करते हैं। इसके अतिरिक्त इन बैंकों में राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय विकास निधि को पूँजी की तरह उपयोग किया जाता है|
- यह विभिन्न विकास परियोजनाओं को प्रतिस्पर्द्धी दर पर वित्त प्रदान करने की क्षमता रखता है।
भारत में विकास वित्त संस्थानका विकास:
- भारत का पहला विकास वित्त संस्थान भारतीय औद्योगिक निगम (IFC) के रूप में वर्ष 1948 में स्थापित किया गया था।
- IDBI, UTI, NABARD, EXIM बैंक, SIDBI, NHB, IIFCL आदि अन्य प्रमुख DFIs हैं। कुछ विकास वित्त संस्थान को बाद में बैंक में परिवर्तित कर दिया गया है| इनमें से ICICI बैंक, IDBI बैंक आदि प्रमुख हैं |
विकास वित्तीय संस्थानों के प्रकार
- भारत में प्रत्येक क्षेत्र विशेष के लिए अलग अलग प्रकार के वितीय संस्थान हैं और ये वित्तीय संस्थान एक विशेष क्षेत्र की परियोजनाओं को वित्त प्रदान करते हैं|
- नेशनल हाऊसिंग बैंक (NHB)पूरी तरह से आवास परियोजनाओं से संबंधित है, एक्सिम बैंक (EXIM बैंक) आयात निर्यात कार्यों को वित्त प्रदान करते हैं|
स्रोत – पीआईबी
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