G-20 देशों के परिवहन क्षेत्रक के विकार्बनीकरण लक्ष्यों पर रिपोर्ट जारी
हाल ही में नीति आयोग ने “टुवर्ड्स डीकार्बोनाइजिंग ट्रांसपोर्ट 2023: ए स्टॉकटेक ऑन सेक्टोरल एम्बिशन इन G-20” शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की है।
इस रिपोर्ट में G-20 देशों के परिवहन क्षेत्रक में विकार्बनीकरण (decarbonisation) और जलवायु कार्रवाई से संबंधित महत्वाकांक्षी लक्ष्यों की प्राप्ति की वर्तमान स्थिति का विश्लेषण किया गया है।
विकार्बनीकरण से आशय वायुमंडल से विविध गतिविधियों से उत्सर्जित कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) को हटाने या वायुमंडल में CO2 के उत्सर्जन को कम करने से है।
रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु:
- भारत ने 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है। इसके बावजूद भारत में परिवहन क्षेत्रक के लिए अभी भी कोई समग्र उत्सर्जन या ऊर्जा संबंधी लक्ष्य नहीं अपनाया गया है।
- भारत में परिवहन–क्षेत्रक से उत्सर्जन 2020 के स्तर की तुलना में 2030 तक 65 प्रतिशत और 2050 तक 197 प्रतिशत तक बढ़ सकता है।
- परिवहन क्षेत्रक में सड़क परिवहन के बाद रेल परिवहन से सर्वाधिक उत्सर्जन होता है।
चुनौतियां:
- नई प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने और चार्जिंग अवसंरचना के निर्माण के लिए अधिक निवेश की आवश्यकता है;
- उपभोक्ताओं में कम – कार्बन आधारित परिवहन साधनों जैसे इलेक्ट्रिक वाहन को अपनाने में उत्साह की कमी है आदि ।
परिवहन क्षेत्रक के विकार्बनीकरण के लिए शुरू की गई पहलें :
- भारत स्टेज VI उत्सर्जन मानकों को लागू किया गया है;
- नीति आयोग ने भारत में परिवहन क्षेत्रक के विकार्बनीकरण के लिए मंच की शुरुआत की है;
- नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन योजना के तहत हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों का तीव्र अंगीकरण एवं विनिर्माण (FAME) योजना आरंभ की गई है आदि ।
रिपोर्ट में की गई प्रमुख सिफारिशें:
- प्रमाणित निम्न कार्बन उत्सर्जन प्रणालियों का तेजी से विस्तार किया जाना चाहिए ।
- परिवहन के अधिक ऊर्जा – कुशल साधनों में निवेश को बढ़ाना चाहिए।
स्रोत – नीति आयोग