CAQM द्वारा वायु गुणवत्ता निगरानी नेटवर्क को मजबूत करने की सिफारिश
हाल ही में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए नीति जारी की है ।
यह नीति ताप विद्युत संयंत्रों, स्वच्छ ईंधन, विद्युत गतिशीलता, सार्वजनिक परिवहन, सड़क यातायात प्रबंधन आदि से संबंधित है।
यह नीति राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानकों को पूरा करने के उद्देश्य से परिवर्तन के महत्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान करती है।
इनमें शामिल हैं:
- उद्योग, परिवहन और परिवारों की किफायती स्वच्छ ईंधन और प्रौद्योगिकी तक व्यापक पहुंच । आवागमन के भिन्न-भिन्न तरीके अपनाना जैसे- सार्वजनिक परिवहन,वाहनों का विद्युतीकरण, पदयात्रा और साइकिल आवागमन के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण,व्यक्तिगत वाहन के उपयोग को कम करना आदि।
- अपशिष्ट की डंपिंग और दहन को रोकने के लिए अपशिष्ट से उपयोगी सामग्री की प्राप्ति हेतु चक्रीय अर्थव्यवस्था।
- सड़कों/राईट ऑफ वे (RoW) मार्गों के निर्माण एवं खंडन के दौरान तथा खुले क्षेत्रों में उपयुक्त प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचे एवं हरित उपायों के साथ धूल प्रबंधन।
- सख्त समयबद्ध तरीके से कार्यान्वयन, बेहतर निगरानी और अनुपालन।
यह ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) की समीक्षा भी करता है। GRAP वायु प्रदूषण से निपटने हेतु उपायों का एक सेट है। पर्यावरण और वन मंत्रालय ने GRAP को वर्ष 2017 में जारी किया था। यह स्थिति की गंभीरता के अनुरूप दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों में लागू किये जाने वाले वायु प्रदूषण रोधी उपायों का एक सेट है।
CAQM के बारे में
- इसे वर्ष 2021 में एक सांविधिक निकाय के रूप में स्थापित किया गया था। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और आस-पास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता से संबंधित अनुसंधान के बेहतर समन्वय तथा समस्याओं की पहचान, एवं समाधान के लिए एक व्यापक संगठन के रूप में कार्य करना है।
- इसने पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम और नियंत्रण प्राधिकरण की जगह ली है। साथ ही, इसने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के केंद्रीय तथा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जैसे निकायों को भी हटा दिया है।
- इसे वर्ष 2021 में एक वैधानिक निकाय के रूप में स्थापित किया गया था। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता अनुसंधान और पहचान और समस्याओं के समाधान के बेहतर समन्वय के लिए एक व्यापक संगठन के रूप में कार्य करना है।
- इसने पर्यावरण प्रदूषण निवारण और नियंत्रण प्राधिकरण का स्थान लिया है। साथ ही इसने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के केंद्रीय और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जैसे निकायों को भी हटा दिया है।
स्रोत –द हिन्दू