प्रधान मंत्री वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस
हाल ही में प्रधान मंत्री वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस (पीएम-वाणी) को उपयोगी सिद्ध करने के लिए लाइट-टच विनियमन लागू किया गया है ।
- लाइट-टच विनियमन उद्यमियों को सार्वजनिक वाई-फाई हॉटस्पॉट स्थापित करने और अपने लिए अतिरिक्त राजस्व उत्पन्न करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
- लाइट-टच विनियमन का अर्थ यह नहीं है कि कोई विनियमन नहीं है, बल्कि इसका तात्पर्य एक विशिष्ट कानूनी साधन के स्थान पर वैकल्पिक विनियामक तंत्र का प्रयोग करना है।
- उदाहरण के लिए, औद्योगिक अभिकर्ताओं द्वारा स्व-विनियमन की प्रक्रिया निर्धारित करना।
- पीएम वाणी का उद्देश्य सार्वजनिक वाई-फाई हॉटस्पॉट प्रदाताओं के माध्यम से ब्रॉडबैंड के प्रावधान की परिकल्पना करके देश में वायरलेस इंटरनेट कनेक्टिविटी को बढ़ाना है।
पीएम वाणी तंत्र का संचालन अलग-अलग प्रतिस्पर्धी करेंगे:
पब्लिक डेटा ऑफिस (PDO):
यह केवल पीएम वाणी के तहत आने वाले वाई-फाई सेवा स्थलों को स्थापित करने, रखरखाव करने और संचालित करने का कार्य करेगा तथा उपभोक्ताओं को ब्रॉडबैंड सेवा प्रदान करेगा।
पब्लिक डेटा ऑफिस एग्रीगेटर (PDOA):
यह PDOs का एक एग्रीगेटर होगा और पंजीकृत उपयोगकर्ताओं के प्रमाणीकरण और लेखा खातों के रखरखाव का कार्य करेगा।
ऐप प्रदाताः यह पंजीकृत ग्राहकों के लिए मोबाइल ऐप विकसित करेगा। साथ ही, वाई-फाई वाले हॉटस्पॉट क्षेत्रों में PDO पीएम वाणी सेवा की उपलब्धता का पता लगाने के बाद उसके अनुरूप ऐप में इसकी जानकारी डालेगा, ताकि ग्राहक अपने मोबाइल पर इंटरनेट सेवा का उपयोग कर सकें।
सेंट्रल रजिस्ट्रीः यह ऐप प्रोवाइडर्स, PDOA और PDO के विवरण को बनाए रखेगा।
स्रोत – द हिन्दू