वस्तु और सेवा कर (जीएसटी / GST) परिषद की 48वीं बैठक संपन्न
हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्री ने वस्तु और सेवा कर (जीएसटी / GST) परिषद की 48वीं बैठक की अध्यक्षता की है।
जीएसटी परिषद की बैठक में व्यापार को सुगम बनाने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं :
- केंद्रीय जीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 132 के तहत उल्लिखित कुछ अपराधों को गैर- अपराध घोषित करने की सिफारिश की गई है।
- इन अपराधों में किसी अधिकारी को उसके कर्तव्यों के निर्वहन से रोकना या उसमें बाधा डालना, महत्वपूर्ण साक्ष्य को जानबूझकर विकृत करना, जानकारी प्रदान करने में विफलता आदि शामिल हैं।
- अभियोजन शुरू करने के लिए कर राशि की न्यूनतम सीमा एक करोड़ रुपये से बढ़ा कर दो करोड़ रुपये की गई है।
- कंपाउंडिंग राशि को कर राशि के 50 प्रतिशत से 150 प्रतिशत की वर्तमान सीमा से घटाकर 25 प्रतिशत से 100 प्रतिशत के बीच कर दिया गया है।
- अपराध की कंपाउंडिंग का अर्थ है अभियोजन का सामना करने की बजाय मौद्रिक मुआवजे का भुगतान करना ।
- दाल के छिलके पर जीएसटी को शून्य कर दिया गया है। पहले इस पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगता था।
- एथिल अल्कोहल (जैव ईंधन ) पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।
निम्नलिखित मामलों पर कोई निर्णय नहीं लिया गया–
- तंबाकू और गुटखा पर कोई नया कर लगाना;
- ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो और घुड़दौड़ को जीएसटी के दायरे में लाना;
- करदाताओं के साथ विवादों के निपटान हेतु अधिकरण की स्थापना करना आदि ।
जीएसटी परिषद के बारे में
- जीएसटी परिषद एक संवैधानिक निकाय है । इसकी स्थापना 101वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा संविधान में अनुच्छेद 279 A ( 1 ) जोड़कर की गई है।
- इसका उद्देश्य जीएसटी से संबंधित अलग-अलग मुद्दों को हल करना है। जीएसटी परिषद केंद्र और राज्यों का एक संयुक्त मंच है।
- केंद्रीय वित्त मंत्री इसके अध्यक्ष होते हैं । अन्य सदस्यों में केंद्रीय राजस्व या वित्त राज्य मंत्री इनके अतरिक्त प्रत्येक राज्य सरकार के वित्त या कराधान के प्रभारी मंत्री या राज्य सरकार द्वारा नामित कोई अन्य मंत्री(सदस्य )शामिल हैं ।
कार्य:
- परिषद अनुच्छेद 279 के अनुसार, “GST से संबंधित महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्र और राज्यों को सिफारिशें करने के लिये है।
- जैसे- वस्तुओं और सेवाओं पर GST, मॉडल GST कानूनों के अधीन है या छूट दी जा सकती है”।
- यह GST के विभिन्न दर स्लैब पर भी निर्णय लेता है।
स्रोत – द हिन्दू