वस्तु एवं सेवा कर (GST) व्यवस्था के 4 वर्ष पूर्ण
वस्तु एवं सेवा कर (GST) व्यवस्था के 4 वर्ष पूर्ण
हाल ही में 1 जुलाई 2021 को ‘वस्तु एवं सेवा कर (Goods and Services Tax -GST) व्यवस्था के चार वर्ष पूर्ण हो गए हैं ।
विदित हो कि 1 जुलाई 2017 को प्रवर्तित किए गए GSTने विभिन्न अप्रत्यक्ष करों को एक सरल, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी-चालित कर व्यवस्था में परिवर्तित करके भारत को एक एकल व साझा बाजार में एकीकृत कर दिया है।
इसने लगभग सभी घरेलू अप्रत्यक्ष करों (पेट्रोलियम, मादक पेय और स्टांप शुल्क प्रमुख अपवाद हैं) को एक शीर्ष कर के तहत समाहित कर दिया है।
Goods and Services Tax (GST) की उपलब्धियां
- सरलीकृत रिटर्न फाइलिंग प्रणाली के कारण राजस्व संग्रह और व्यवसाय पंजीकरण में वृद्धि हुई है।
- कई चौकियों को हटाने के साथ-साथ ई-वे बिल के परिणामस्वरूप परिवहन में आसानी हुई है, लॉजिस्टिक लागत में बचत हुई है आदि।
- कर देयता की सरल गणना और इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के मिलान द्वारा फर्जी इन्वॉइसिंग की जांच के लिए ई-इन्वॉइसिंग प्रणाली आरंभ की गई है।
- अर्थव्यवस्था का वृहद स्तर पर औपचारीकरण हुआ है।
चुनौतियाँ
- 15वें वित्त आयोग की रिपोर्ट में कर दरों की बहुलता, GSTसंग्रह में पूर्वानुमान की तुलना में कमी, रिटर्न दाखिल करने में असंगति आदि जैसी चिंताओं को रेखांकितकिया गया है।
- उपकर और विशेष अधिभार पर केंद्र की बढ़ती निर्भरता, जो करों के विभाज्य पूल का हिस्सा नहीं हैं।
- राज्यों को GSTप्रतिपूर्ति तब विवादास्पद हो गई, जब महामारी के कारण GST संग्रह में गिरावट आई।
- तकनीकी गड़बड़ियां, इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करने में कठिनाई आदि।
वस्तु एवं सेवा कर
- वस्तु एवं सेवा कर 1 जुलाई, 2017 से लागू हुआ था ।इसमें केंद्र व राज्य दोनों स्तरीय अधिभारों को समेटते हुए GSTसहकारी संघवाद को सरकारों द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
- 101वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2016 के तहत अनुच्छेद 366 में एक नया खंड (12A) संलग्न किया गया, जिसके अनुसार, ‘वस्तु एवं सेवा कर’ का अर्थ है, मानव उपभोग के लिये मादक पेय पदार्थों की आपूर्ति पर लगने वाले कर को छोड़कर वस्तुओं या सेवाओं या दोनों की आपूर्ति पर लगने वाला कर।
GST का स्वरूप:
- एक राज्य के भीतर होने वाले लेन-देन पर केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए कर को ‘केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर’ (CGST) कहा जाता है। यहकेंद्र सरकार के खाते में जमा किया जाता है।
- राज्यों द्वारा लगाए गए करों को ‘राज्य वस्तु एवं सेवा कर’ (SGST) कहा जाता है। इस कर को राज्य सरकार के खाते में जमा किया जाता है।
- इसी तरह संघ शासित राज्यों के लिए ‘संघ शासित प्रदेश माल और सेवा कर’(UTGST)।
- इसी तरह केंद्र द्वारा प्रत्येक अंतर-राज्य वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति पर एकीकृत जीएसटी (IGST) लगाने और प्रशासित करने की व्यवस्था है।
GST परिषदः
यह GSTका शासी निकाय है। इसकी अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा की जाती है और इसमें सभी राज्यों के वित्त मंत्री शामिल होते हैं।
गारंटीकृत प्रतिपूर्ति:
GSTअधिनियम, वित्त वर्ष 2015-16 में राज्यों द्वारा एकत्र की गई राशि से पांच वर्ष के लिए (वर्ष 2022 तक) राज्यों के कर राजस्व में 14 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि की गारंटी देता है।
स्रोत:पीआईबी
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