वर्ल्ड सोशल रिपोर्ट 2023 : लीविंग नो वन बिहाइंड इन ए एजिंग वर्ल्ड

वर्ल्ड सोशल रिपोर्ट 2023 : लीविंग नो वन बिहाइंड इन ए एजिंग वर्ल्ड

हाल ही में “वर्ल्ड सोशल रिपोर्ट 2023: लीविंग नो वन बिहाइंड इन ए एजिंग वर्ल्ड” जारी की गई है।

यह संयुक्त राष्ट्र सचिवालय के आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग द्वारा प्रकाशित एक प्रमुख रिपोर्ट है।

यह रिपोर्ट मैड्रिड इंटरनेशनल प्लान ऑफ एक्शन ऑन एजिंग (MIPAA) के फ्रेमवर्क पर तैयार की गई है।

यह रिपोर्ट उन सामाजिक-आर्थिक अवसरों और चुनौतियों की पड़ताल करती है, जो वृद्धजन आबादी के बढ़ने से उत्पन्न होते हैं।

रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष

  • अगले तीन दशकों में 65 वर्ष या उससे अधिक आयु के व्यक्तियों की जनसंख्या दोगुनी होने की संभावना है। यह वर्ष 2050 में 6 बिलियन से अधिक हो जाएगी ।
  • यह वैश्विक आबादी के 16% से अधिक होगी।
  • उत्तरी अफ्रीका, पश्चिमी एशिया और उप-सहारा अफ्रीका में वृद्धजन आबादी में सबसे तेज गति से वृद्धि होने की संभावना है।
  • वृद्धावस्था में गरीबी का स्तर आमतौर पर महिलाओं में उच्चतर होता है। इसके कारण हैं- औपचारिक श्रम बाजारों में भागीदारी का निम्न स्तर, कार्य करने के सीमित अवसर तथा पुरुषों की तुलना में उन्हें कम वेतन मिलना ।

रिपोर्ट में की गई प्रमुख सिफारिशें

  • श्रम बाजार भागीदारी को बढ़ाया जाना चाहिए और उत्पादकता में वृद्धि की जानी चाहिए । साथ ही, अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखा जाना चाहिए तथा लोगों की जीवन भर की गरीबी का निवारण किया जाना चाहिए ।
  • असमानताओं को कम करने वाली नीतियां बनाई जानी चाहिए। इसके अलावा, वित्तीय रूप से संधारणीय तरीकों से वृद्धावस्था में आर्थिक सुरक्षा को बढ़ावा दिया जाना चाहिए ।

वृद्धजनों से संबंधित अन्य वैश्विक पहलें

  • संयुक्त राष्ट्र वृद्धजन सिद्धांत, 1991 अपनाए गए हैं ।
  • संयुक्त राष्ट्र ने 2021 – 2030 को स्वस्थ आयुर्वृद्धि ( Ageing) दशक घोषित किया है।
  • भारत का संविधान के अनुच्छेद 38 (1), 39(e), 41 और 46 वृद्धावस्था में सार्वजनिक सहायता के लिए प्रावधान करने हेतु राज्य को निर्देश देते हैं ।
  • माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम, 2007 लागू किया गया है।

भारत सरकार की प्रमुख योजनाएं

  • अटल वयो अभ्युदय योजना, राष्ट्रीय वृद्धजन स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम, प्रधानमंत्री वय वंदना योजना आदि ।
  • भारत आयुर्वृद्धि पर अलग-अलग अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशंस जैसे – MIPPA, संयुक्त राष्ट्र स्वस्थ आयुर्वृद्धि दशक आदि का हस्ताक्षरकर्ता है ।

स्रोत – द हिन्दू

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