वर्ल्ड ड्रग रिपोर्ट 2022 जारी
हाल ही में “संयुक्त राष्ट्र मादक पदार्थ एवं अपराध कार्यालय” (UNODC) ने वर्ल्ड ड्रग रिपोर्ट 2022 जारी की है।
इस रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्षः
- वर्ष 2020 के दौरान दुनिया भर में 15-64 आयु वर्ग के लगभग 28.4 करोड़ लोगों ने मादक पदार्थों (ड्रग्स) का सेवन किया था। यह पिछले दशक की तुलना में 26% अधिक है।
- हालांकि वैश्विक स्तर पर मादक पदार्थों का सेवन करने वाली महिलाओं की संख्या कम है। इसके बावजूद महिलाओं में मादक पदार्थों के सेवन में वृद्धि दर पुरुषों की तुलना में अधिक तीव्र है।
- मादक पदार्थों के उत्पादन और तस्करी में निरंतर वृद्धि हुई है।
- अवैध मादक पदार्थों पर निर्भर अर्थव्यवस्थाएं मुख्यतः आंतरिक संघर्ष की स्थितियों में और कमजोर कानून व्यवस्था वाले देशों में फल-फूल सकती हैं। इससे देश में संघर्ष की स्थिति अधिक लंबी हो सकती है।
- मध्य पूर्व और दक्षिण-पर्व एशिया में संघर्ष की स्थिति सिंथेटिक मादक पदार्थों के विनिर्माण के लिए प्रेरक के रूप में कार्य करती है।
पर्यावरणीय प्रभावः
- कोका की गैर-कानूनी खेती के लिए वनों की कटाई की जाती है। इसके अलावा सिंथेटिक मादक पदार्थों के विनिर्माण के दौरान अत्यधिक मात्रा में अपशिष्ट पैदा होता है।
- ऐसे अपशिष्ट के कारण प्रत्यक्ष रूप से मृदा, जल और वायु पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। साथ ही, इससे अप्रत्यक्ष रूप से सजीव, प्राणी और खाद्य श्रृंखलाएं भी प्रभावित हो सकती हैं।
इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत उपभोगकर्ताओं के मामले में दुनिया के सबसे बड़े अफीम बाजारों में से एक है। साथ ही, यहाँ इसकी आपूर्ति बढ़ने की भी संभावना है। अफगानिस्तान में उत्पादित अफीम की तस्करी बढ़ने की संभावना है। इससे गैर-कानूनी व्यापार और इससे जुड़े संगठित अपराधों के स्तर में बढ़ोतरी हो सकती है।
संयुक्त राष्ट्र मादक पदार्थ एवं अपराध कार्यालय (UNODC) के बारे में
- इसका मुख्यालय वियना में है।
- इसकी स्थापना वर्ष 1997 में अवैध मादक पदार्थों और इससे जुड़े अंतर्राष्ट्रीय अपराध के खिलाफ लड़ने के लिए की गई थी।
- इसका गठन संयुक्त राष्ट्र मादक पदार्थ नियंत्रण कार्यक्रम और अंतर्राष्ट्रीय अपराध रोकथाम केंद्र का विलय कर किया गया था।
स्रोत –द हिन्दू