केंद्र सरकार द्वारा विश्व बैंक के वर्ल्डवाइड गवर्नेस इंडिकेटर्स (WGI) में निम्न स्कोर दिए जाने पर विरोध
हाल ही में केंद्र सरकार ने विश्व बैंक के वर्ल्डवाइड गवर्नेस इंडिकेटर्स (WGI) में निम्न स्कोर दिए जाने पर विरोध प्रकट किया है ।
विश्व बैंक के वर्ल्डवाइड गवर्नेस इंडिकेटर्स (WGI) के विश्लेषण में भारत के स्कोर सभी संकेतकों में उसके समकक्षों के मुकाबले “काफी कम हैं। यह विश्लेषण भारत की सॉवरेन रेटिंग के लिए एक प्रमुख आधार है।
इन डेटा स्रोतों में थिंक टैंक, सर्वेक्षण एजेंसियां और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया जैसे फ्रीडम हाउस, इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट आदि शामिल हैं।
इनके विश्लेषण भारत की सॉवरेन रेटिंग को घटा सकते हैं।
WGI के बारे में:
- WGI रिपोर्ट वर्ष 1996-2020 की अवधि में 200 से अधिक देशों और राज्यक्षेत्रों के लिए समग्र एवं व्यक्तिगत अभिशासन संकेतकों (गवर्नेस इंडिकेटस) के बारे में सूचना देती है।
- ये संकेतक शासन के 6 आयामों पर आधारित हैं। इसमें सर्वेक्षण के माध्यम से औद्योगिक और विकासशील देशों में बड़ी संख्या में उद्यम, नागरिक तथा विशेषज्ञों की सामूहिक राय को शामिल किया जाता है।
- इससे पहले भी कई अन्य रिपोर्टों में भारत की स्थिति को निम्नतर दिखाने पर आपत्ति जतायी गयी है। जैसे: WHO की कोविड-19 की वजह से मृतकों की संख्या का अनुमान लगाने की पद्धति, इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट की रैंकिंग में भारत का स्थान वर्ष 2014 के 27 से गिरकर वर्ष 2019 में 51 हो गया, तथा वैश्विक भुखमरी सूचकांक 2021 में भारत को विश्व के 116 देशों में 101वें स्थान पर रखा गया है।
ऐसी रिपोर्टों की निम्नलिखित कमियां हैं:
- रैंकिंग की पद्धति में किसी एक विशेष संकेतक को अधिक महत्व दिया जाता है,
- अनुचित सांख्यिकीय/गणितीय मॉडल का उपयोग किया जाता है,
- महत्वपूर्ण इनपुट को शामिल किए बिना किसी देश के पिछले प्रदर्शन से तुलना की जाती है,
- अन्य वस्तुनिष्ट घटकों को मापने के लिए एक व्यक्तिपरक दृष्टिकोण का उपयोग किया जाता है आदि।
WGI के तहत शासन के 6 आयाम:
- लोगों की आवाज और उनके प्रति जवाबदेही।
- राजनीतिक स्थिरता और हिंसा/आतंकवाद की अनुपस्थिति।
- सरकार की प्रभावशीलता।
- विनियामकीय गुणवत्ता।
- विधि का शासन।
- भ्रष्टाचार पर नियंत्रण।
स्रोत –द हिन्दू