वन स्थिति रिपोर्ट (ISFR) 2021
हाल ही में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (ISFR), 2021 जारी की गई है। यह 17वीं रिपोर्ट है। इस रिपोर्ट को दो वर्षों में एक बार प्रकाशित किया जाता है। इसे भारतीय वन सर्वेक्षण जारी करता है। यह संस्थान पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) के अंतर्गत आता है।
- विश्व में भारत ही एकमात्र देश है, जो दो वर्षों में एक बार वनों का आकलन करता है।
- वनावरण (forest cover) में एक वर्ष में हुए परिवर्तन को वनों की वृद्धि के आकलन के लिए सही नहीं माना जाता है। इसलिए, दो वर्षों की अवधि का आकलन किया जाता है। कई देश तो पांच वर्षों में एक बार आकलन करते हैं। कुछ देशों ने तो केवल एक बार आकलन किया है।
रिपोर्ट के महत्वपूर्ण निष्कर्ष
- भारत में कुल वन एवं वृक्ष आवरण देश के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 24.72 प्रतिशत है। वनावरण 21.71 प्रतिशत है तथा वृक्ष आवरण 2.91 प्रतिशत है।
- मध्य प्रदेश में सबसे अधिक वनावरण है। इसके बाद अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशाऔर महाराष्ट्र का स्थान है।
- उत्तर-पूर्वी राज्यों में मिज़ोरम में सबसे ज्यादा वनावरण है। इसके बाद अरुणाचल प्रदेश,मेघालय, मणिपुर और नागालैंड का स्थान है।
वनों के प्रकार के संदर्भ में निष्कर्ष
- बहुत घने वन (70 प्रतिशत या उससे अधिक वन वितान): 78.87 प्रतिशत।
- औसत दर्जे के घने वन (40 से 70 प्रतिशत के बीच वन वितान सघनता): 9.33 प्रतिशत।
- खुले वन (10 से 40 प्रतिशत के बीच वन वितान सघनता): 9.34 प्रतिशत।
स्रोत – द हिन्दू