वन रैंक वन पेंशन (OROP)

वन रैंक वन पेंशन (OROP)

  • हाल ही में सरकार ने वन रैंक वन पेंशन (OROP) के तहत सेवानिवृत्त रक्षा कर्मियों और उनके परिवारों को भुगतान की जाने वाली पेंशन में संशोधन को मंजूरी प्रदान की है।
  • यह संशोधन 30 जून, 2019 तक सेवानिवृत्त सभी रक्षा कर्मियों पर लागू होगा। हालांकि, इसमें एक जुलाई, 2014 तक समय पूर्व सेवानिवृत्त होने वाले रक्षा कर्मियों को शामिल नहीं किया गया है।

OROP के बारे में:

  • वन रैंक, वन पेंशन (OROP) का अर्थ है कि सेवानिवृत्त होने की तारीख से इतर समान सेवा अवधि और समान रैंक पर सेवानिवृत्त हो रहे सशस्त्र सैन्यकर्मियों को एक समान पेंशन दी जाएगी।
  • इस तरह से वन रैंक, वन पेंशन (OROP) का मतलब आवधिक अंतरालों पर वर्तमान और पिछले सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों की पेंशन की दर के बीच के अंतर को कम करना है।
  • जबकि इससे पूर्व की व्यवस्था में जो सैनिक जितनी देरी से सेवानिवृत्त होता था, उसे पहले सेवानिवृत्त होने वाले सैनिकों की तुलना में अधिक पेंशन प्राप्त होती थी, क्योंकि सरकार द्वारा दी जाने वाली पेंशन कर्मचारी के अंतिम वेतन पर निर्भर करता है और समय-समय पर वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि होती रहती है।
  • इस तरह वर्ष 1995 में सेवानिवृत्त होने वाले एक लेफ्टिनेंट जनरल को वर्ष 2006 के बाद सेवानिवृत्त होने वाले एक कर्नल की तुलना में कम पेंशन प्राप्त होती थी।

स्रोत – द हिन्दू

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