अवसंरचना परियोजनाओं के लिए वन्यजीव कोष नियमों में संशोधन

अवसंरचना परियोजनाओं के लिए वन्यजीव कोष नियमों में संशोधन

हाल ही में सरकार ने प्रमुख अवसंरचना परियोजनाओं के लिए वन्यजीव कोष नियमों में संशोधन किया है।

  • केंद्र सरकार ने सड़क, रेल और ट्रांसमिशन लाइन परियोजनाओं की कुल परियोजना लागत का 2% एवं 0.5% क्रमशः वन्यजीव प्रबंधन योजना (WMP) तथा मृदा व नमी संरक्षण योजना ( SMCP) की लागत के रूप में जमा करने से छूट प्रदान की है।
  • WMP तथा SMCP को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF & CC) द्वारा निर्धारित शर्तों के अनुसार तैयार किया जाता है ।
  • इससे पहले, MoEF & CC ने वन संरक्षण अधिनियम (FCA) 1980 के तहत ‘अंतिम वन मंजूरी प्राप्त करने के लिए सभी परियोजनाओं हेतु इन लागतों को जमा करना अनिवार्य कर दिया था।
  • अब WMP और SMCP के लिए लागत, कुल परियोजना लागत की बजाय शामिल वन भूमि की सीमा के अनुपात में होगी ।
  • वन संरक्षण अधिनियम (FCA) देश में वनों की कटाई को विनियमित करता है । यह कानून तब बनाया गया था, जब राज्य सरकारों की वन भूमि के संरक्षण में विफलता के कारण, वन भूमि का अन्य उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाने लगा था। साथ ही, इस उपयोग के पर्यावरणीय प्रभाव का आकलन भी नहीं किया जा रहा था।

अधिनियम के प्रमुख प्रावधान

  • यह कानून केंद्र सरकार की पूर्व मंजूरी के बिना गैर-वानिकी उपयोग के लिए वनों की किसी भी प्रकार की कटाई पर प्रतिबंध लगाता है ।
  • मंजूरी प्रक्रिया में स्थानीय वन अधिकार – धारकों और वन्यजीव प्राधिकरणों से स्वीकृति लेना भी शामिल है।
  • वर्ष 1996 में सुप्रीम कोर्ट ने टी.एन. गोदावर्मन वाद में FCA के क्षेत्र का विस्तार कर दिया था ।
  • इसके दायरे में वन की शब्दकोश आधारित परिभाषा में आने वाले सभी क्षेत्रों को शामिल किया गया था। इससे पहले केवल आरक्षित वनों और राष्ट्रीय उद्यानों पर ही FCA के प्रावधान लागू होते थे ।

स्रोत – हिन्दुस्तान टाइम्स

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