लेबनान में लितानी नदी में 40 टन मछली मृत पाई गयी
- हाल ही में लेबनानकी लितानी नदी (River Litani) में अचानक लगभग 40 टन मछलियों मृत पाई गई हैं।
- विदित हो कि लितानी नदी लेबनान की सबसे लंबी नदी है। इस नदी के जल पर एक बाँध निर्मित किया गया हैजिसे लितानी बांध कहते हैं।
- इस बाँध का जलएक झील के रूप में एकत्रित हो गया है, जिससे एककृत्रिम झील का निर्माण हो गया है। इसका नाम कारून झील (Qaraoun lake) है।इसी झील में हाल ही में सीवेजडंपिंगसे हुएअत्यधिक प्रदूषण के कारण झील के किनारे लगभग 40 टन मछली मृत पायी गयी हैं ।
- इसेसे पहले वर्ष 2018 में इस झील में मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लगाया गया था। हालांकि, प्रदूषण को रोकने के लिए कोई ठोस कार्यवाहीनहीं की गई थी।
लितानी नदी (Litani river)
- लितानी नदी लेबनान के दक्षिणी भाग के लिए एक महत्वपूर्ण जल स्रोत है।सिंचाई और जल विद्युत परियोजनाओं के लिए वर्ष 1959 में इस पर लितानी बांध का निर्माण किया गया था।यह बेक्का घाटीसे निकलती है और भूमध्य सागर गिर जाती है।
लेबनॉन
- लेबनॉन, पश्चिमी एशिया में भूमध्य सागर के पूर्वी तट पर स्थित एक देश है। इसके उत्तर और पूर्व में सीरिया और दक्षिण में इसराइल स्थित है।
- यहाँ 60 प्रतिशत लोग मुस्लिम हैं जिनमें शिया और सुन्नी का लगभग बराबर संख्या में है ।यहाँ लगभग 38 प्रतिशत ईसाई भी हैं । इसे 1943 में फ्रांस से स्वतंत्रता मिली थी ।
- यहाँ एक विशेष प्राकर की गणतांत्रिक सरकार का शासन है, जिसमें राष्ट्रपति एक ईसाई होता है, प्रधान मंत्री एक सुन्नी मुस्लिम, निर्वाचितप्रतिनिधियों की सभा का अध्यक्ष एक शिया मुस्लिम और उप प्रधान मंत्री एक ग्रीक परंपरावादी धर्म का होता है। यहाँ की सबसे बोले जाने वाली और सांवैधानिक भाषा अरबी है।
लितानी नदी की लड़ाई
- 9 जून, 1941 को दूसरे विश्व युद्ध के दौरान यह लड़ाईलड़ी गई थी। यह बेरूत को आगे बढ़ाने के लिए लड़ी गयी थी। इस युद्ध के दौरान, ऑस्ट्रेलियाई सैनिकों ने लितानी नदी को पार किया और विचीफ्रांसीसी सैनिकों के साथ लड़े। यह सीरिया-लेबनान अभियान का एक हिस्सा थाजो विचीफ्रेंच, लेबनान और सीरिया पर ब्रिटिश आक्रमण है। विचीफ्रेंचजर्मनी का एक स्वतंत्र सहयोगी था।
स्रोत – इंडियन एक्सप्रेस