लेड/सीसा विषाक्तता

लेड/सीसा विषाक्तता

हाल ही में वर्ष 2022 में नीति आयोग तथा वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) ने सीसा विषाक्तता के संबंध में एक अध्ययन किया था।

  • इस अध्ययन के निष्कर्षों के आधार पर विशेषज्ञों ने भारत में सीसा विषाक्तता (Lead poisoning)को लेकर चिंता व्यक्त की है।
  • इस अध्ययन के अनुसार 23 राज्यों में रक्त में सीसा धातु का औसत स्तर 5 माइक्रोग्राम प्रति डेसीलीटर (µg/dL) की स्वीकार्य सीमा से अधिक है।
  • डेटा एकत्र करने के लिए अनुसंधान तथा स्क्रीनिंग तंत्र की कमी के कारण शेष राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में रक्त में सीसा स्तर निर्धारित नहीं किया जा सका है।
  • इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) और प्योर अर्थ की 2020 की रिपोर्ट में भी उल्लेख किया गया है कि भारत में 27.5 मिलियन बच्चों के रक्त में सीसे का स्तर 5 µg/dL की स्वीकार्य सीमा से अधिक है।

लेड विषाक्तता

  • शीशा/लेड विषाक्तता तब होती है जब शरीर में लेड जमा हो जाता है, ऐसा अक्सर महीनों या वर्षों की अवधि में होता है।
  • यह मानव तंत्र में लेड के अवशोषण के कारण होता है और विशेष रूप से थकान, पेट में दर्द, मतली, दस्त, भूख न लगना, एनीमिया, मसूड़ों पर एक गहरी रेखा तथा मांसपेशियों में कमज़ोरी या शरीर के अंगों में पक्षाघात इसके लक्षण हैं।
  • बच्चे विशेष रूप से लेड विषाक्तता के प्रति संवेदनशील होते हैं क्योंकि उनके शरीर विकासशील अवस्था में होते हैं।
  • सीसा, प्राकृतिक रूप से पाई जाने वाली एक विषाक्त धातु है । यह पृथ्वी की भूपर्पटी ( crust) में पाई जाती है।

सीसा विषाक्तता के स्रोत

  • व्यावसायिक स्रोत: खनन, पेंटिंग, कांच निर्माण, मिट्टी के बर्तन, प्रगलन उद्योग (स्मेल्टिंग ) आदि ।
  • गैर – व्यावसायिक स्रोत: पारंपरिक चिकित्सा, वाहनों से निकलने वाला धुआँ, खाद्य पदार्थ, रंगे हुए खिलौने, दूषित मिट्टी, धूल, जल आदि ।

सीसा विषाक्तता के प्रभाव:

  • यह मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंचाती है,
  • यह मंद विकास और वृद्धि का कारण है,
  • सीखने व सुनने / बोलने की समस्याओं को जन्म देती है,
  • कम बौद्धिक विकास होता है,कम शैक्षिक उपलब्धि का कारण बनती है आदि ।

सीसे को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के लिए उठाए गए कदम

  • व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य प्रशासन विनियम श्रमिकों को विषाक्त धातु के जोखिम से बचाते हैं।
  • खाद्य सुरक्षा और मानक (खाद्य उत्पाद मानक और खाद्य सहयोज्य) विनियम, 2011 लागू किए गए हैं।
  • बैटरी अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2022 जारी किए गए हैं।

स्रोत – डाउन टू अर्थ

Download Our App

More Current Affairs

Share with Your Friends

Join Our Whatsapp Group For Daily, Weekly, Monthly Current Affairs Compilations

Related Articles

Youth Destination Facilities

Enroll Now For UPSC Course