लूना-25
हाल ही में आई जानकारी के अनुसार रूस के लूना-25 और भारत के चंद्रयान-3 दोनों के 23 अगस्त 2023 को चंद्रमा पर पहुंचने की उम्मीद है।
कुछ समय पहले लूना-25 लॉन्च करने वाली रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने कहा था कि चंद्रमा पर इसकी लैंडिंग 14 जुलाई, 2023 को लॉन्च होने वाले भारत के चंद्रयान-3 में बाधा नहीं बनेगी। क्योंकि दोनों मिशनों के लैंडिंग क्षेत्र अलग-अलग है।
ज्ञातव्य को कि चंद्रयान-3 को 14 जुलाई 2023 को लॉन्च किया गया था। जबकि लूना-25 को 11 अगस्त 2023 को रूस के वोस्तोचन स्पेसपोर्ट से लॉन्च किया गया था।
इस तरह भारत और रूस दोनों चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाले पहले देश बन जाएंगे इससे पहले यहाँ कोई लैंडर सफलतापूर्वक नहीं गया है।
चंद्रयान-3 के बारे में
- ज्ञातव्य हो कि चंद्रयान-2 की तरह चंद्रयान-3 में ऑर्बिटर नहीं है, इसे 14 जुलाई 2023 को लॉन्च किया गया है।
- मिशन में लैंडर में उन्नत प्रौद्योगिकियाँ शामिल हैं, जैसे लेजर और आरएफ-आधारित अल्टीमीटर, लेजर डॉपलर वेलोसीमीटर इत्यादि।
चंद्रयान-3 के उद्देश्य:
इसका उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग प्रदर्शित करते हुए चंद्रमा की सतह पर यथास्थान और घूमते हुए वैज्ञानिक प्रयोग करना।
लूना-25 के बारे में
- यह 23 अगस्त 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचेगा। इसको 10 अगस्त 2023 को रूस द्वारा लॉन्च किया गया था
- लूना- 25 चार पैरों वाला लैंडर 800 किलोग्राम का है। रूस इससे पहले 1976 में चांद पर लूना-24 को उतार चुका है। यह लैंडर एक साल तक चंद्रमा की सतह पर काम करेगा।
लूना-25 के उद्देश्य:
- चंद्रमा पर पानी की खोज करना है। चांद की मिट्टी के नमूने का एनालिसिस करेगा। सॉफ्ट-लैंडिंग टेक्नोलॉजी को डेवलप करना है।
- चंद्रमा की आंतरिक संरचना पर रिसर्च करना और पानी समेत दूसरी जरूरी चीजों की खोज करना है।
स्रोत – द हिन्दू