अंतर्राष्ट्रीय लुसोफोन महोत्सव
- हाल ही में भारत, के गोवा में अंतर्राष्ट्रीय लुसोफोन महोत्सव का आयोजन संपन्न हुआ जिसकी की मेजबानी भारत द्वारा की गई है।
- भारत लुसोफोन देशों की क्षमताओं का उपयोग करने के लिए उनके साथ संबंध बेहतर करने को प्राथमिकता देगा
- यह लुसोफोन देशों के साथ भारत के संबंधों को बढ़ावा देने का एक प्रयास है।
- वेल्हा गोवा (या ओल्ड गोवा) पर पुर्तगाली शासन 1510 ई. में आरंभ हुआ था और यह वर्ष 1961 तक बना रहा था।
लुसोफोन वर्ल्ड (पुर्तगाली भाषी देशों) के बारे में
- इसमें चार महाद्वीपों के नौ देश शामिल हैं।
- पुर्तगाली, दक्षिणी गोलार्ध में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है ।
- वर्ष 1996 में पुर्तगाली भाषी देशों के समुदाय (Community of Portuguese Language Countries -CPLP) का गठन किया गया था। इसे लुसोफोन कॉमनवेल्थ भी कहा जाता है।
- CPLP 9 सदस्य देशों और 32 सहयोगी पर्यवेक्षकों का एक बहुपक्षीय मंच है। भारत इसका सहयोगी पर्यवेक्षक देश है।
- इसके सदस्य हैं: अंगोला, ब्राजील, काबो वर्डे, गिनी बिसाऊ, मोजाम्बिक, पुर्तगाल, साओ टोम ए प्रिंसिपे, तिमोर लेस्ते और इक्वेटोरियल गिनी ।
भारत – लुसोफोन संबंध
- वर्ष 2014 में गोवा में तीसरे लुसोफोनिया खेलों का आयोजन किया गया था। इसमें लुसोफोन देशों के एथलीट शामिल हुए थे।
- पिछले एक दशक में CPLP देशों के साथ भारत के व्यापार में छह गुना वृद्धि हुई है।
- भारत अपने ‘भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग कार्यक्रम (Indian Technical and Economic Cooperation Programme- ITEC)’ और भारत-अफ्रीका फोरम सम्मेलन (India – Africa Forum Summit -IAFS) फ्रेमवर्क के तहत पुर्तगाल को छोड़कर शेष सभी CPLP सदस्य देशों को प्रशिक्षण प्रदान करता है।
भविष्य में सहयोग के लिए निम्नलिखित क्षेत्रक हैं:
रणनीतिक क्षेत्रकः नीली अर्थव्यवस्था, नवीकरणीय ऊर्जा, रक्षा आदि;
स्टार्ट-अप्स और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियां: नैनो टेक्नोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी आदि ।
स्रोत – द हिन्दू