लीडरशिप इन एनर्जी एंड एनवायरनमेंटल डिज़ाइन (LEED)
हाल ही में भारत ने लीडरशिप इन एनर्जी एंड एनवायरनमेंटल डिज़ाइन (LEED) नेट जीरो प्रमाणन में अमेरिका और चीन को पीछे छोड़ दिया है ।
- LEED रेटिंग सिस्टम स्वस्थ, दक्ष, निम्न कार्बन उत्सर्जन आधारित और लागत प्रभावी हरित भवनों के लिए एक फ्रेमवर्क प्रदान करता है ।
- यह विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त प्रमाणन प्रणाली है। इसे यू.एस. ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल ने विकसित किया है। यह ग्रीन बिजनेस सर्टिफिकेशन इनकॉर्पोरेशन द्वारा प्रशासित है।
- इसके तहत भवनों को चार प्रमाणन स्तरों पर मान्यता दी जाती है। ये चार स्तर हैं- सर्टिफाइड, सिल्वर, गोल्ड और प्लैटिनम । LEED इंडिया प्रोग्राम इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (GBC) द्वारा प्रशासित है ।
- LEED ज़ीरो LEED प्रमाणन का एक पूरक है। यह उन परियोजनाओं को मान्यता देता है, जो कार्बन, ऊर्जा, जल या अपशिष्ट की श्रेणियों में नेट जीरो या नेट पॉज़िटिव स्थिति को प्राप्त कर चुकी हैं। भारत में 73 LEED ज़ीरो प्रमाणित परियोजनाएं हैं। यह कुल 150 से अधिक LEED ज़ीरो प्रमाणनों का 45% है।
- भारत के कुल कार्बन उत्सर्जन का लगभग एक तिहाई हिस्सा भवन और अन्य निर्माण क्षेत्रक से आता है। प्रमाणन में हरियाणा और तमिलनाडु अग्रणी राज्य हैं। भारत का DLF ग्रुप कुल लीड जीरो सर्टिफिकेशन में वैश्विक स्तर पर अग्रणी है।
- ग्रीन रेटिंग फॉर इंटीग्रेटेड हैबिटेट असेसमेंट (गृह/GRIHA) भारत की अपनी ग्रीन बिल्डिंग रेटिंग प्रणाली है। इस प्रणाली को द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (TERI) तथा नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने संयुक्त रूप से विकसित किया है।
- गृह एक फाइव स्टार रेटिंग सिस्टम है। इसकी रेटिंग 5 साल की अवधि के लिए वैध होती है ।
भारत में हरित भवन के लिए अन्य पहलें–
- IGBC रेटिंग सिस्टम्स,
- ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) द्वारा तैयार ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता;
- वाणिज्यिक भवनों के लिए BEE रेटिंग प्रणाली आदि ।
स्रोत – बिजनेस स्टैण्डर्ड