लिविंग प्लैनेट रिपोर्ट 2022 जारी
हाल ही में वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (WWF) ने लिविंग प्लैनेट रिपोर्ट 2022 जारी की है जिसका शीर्षक है, “बिल्डिंग अ नेचर-पॉजिटिव सोसायटी”।
यह रिपोर्ट प्रत्येक दो वर्षों में जारी की जाती है।
यह रिपोर्ट इस तथ्य का मापन करती है कि जैव विविधता के नुकसान और जलवायु परिवर्तन के कारण पर्यावरण पर बढ़ते दबाव के प्रति प्रजातियां कैसे प्रतिक्रिया कर रही हैं।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष–
- पिछले 50 वर्षों में दुनिया भर में वनों में पाए जाने वाले स्तनधारियों, पक्षियों, उभयचरों, सरीसृपों और मछलियों की आबादी में 69 प्रतिशत की गिरावट आई है।
- सबसे ज्यादा गिरावट लैटिन अमेरिका और कैरेबियाई क्षेत्रों में दर्ज की गई है।
- ताजे जल की प्रजातियों की आबादी में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई है। वर्ष 1970 और 2018 के बीच इनकी आबादी औसतन 83% कम हो गई है।
- गर्म पानी के लगभग 50% कोरल (प्रवाल/मूंगा) पहले ही समाप्त हो चुके हैं। ऐसा अनुमान है कि 5 डिग्री सेल्सियस तापवृद्धि से गर्म पानी के 70-90% कोरल समाप्त हो जाएंगे।
प्रमुख सुझाव
- रिपोर्ट में ट्रेड, डेवलपमेंट एंड एनवायरनमेंट हब (TRADEHub) का उल्लेख किया गया है। यह एक बहुराष्ट्रीय व अंतर्विषयक सहयोग है।
- यह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रणालियों तथा उनके सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभावों को समझने का प्रयास करता है।
- खाद्य उत्पादन (विशेष रूप से फसल और पशुपालन प्रणालियों) में विविधीकरण की सिफारिश की गई है। प्राकृतिक संसाधन आपूर्ति श्रृंखलाओं का प्रकृति और लोगों पर व्यापक प्रभाव पड़ता है। इस संदर्भ में उनकी संधारणीयता पर विशेष ध्यान देने की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित किया गया है।
- सह-लाभों के साथ समाधानों को बढ़ावा देने के लिए एक क्रॉस-सेक्टोरल और एकीकृत दृष्टिकोण अपनाने का सुझाव दिया गया है।
- दूसरी ओर जैव विविधता, जलवायु और अन्य सतत विकास लक्ष्यों के बीच संघर्ष पैदा करने वाले समाधानों से बचने के सलाह दी गई है।
इस रिपोर्ट में लिविंग प्लैनेट इंडेक्स (LPI) भी प्रकाशित किया गया है। LPI विश्व की जैविक विविधता की स्थिति का मापन करता है। यह मापन स्थलीय, ताजे जल और समुद्री पर्यावासों की कशेरुकी (Vertebrate) प्रजातियों की आबादी से जुड़ी प्रवृत्तियों के आधार पर किया जाता है।
LPI को जैव विविधता अभिसमय ने अपने वर्ष 2011-2020 के लक्ष्यों की दिशा में प्रगति के संकेतक के रूप में अपनाया है। यह वर्ष 2020 पश्चात लक्ष्यों की दिशा में प्रगति की निगरानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
WWF वर्ष 1961 में स्थापित किया गया एक अंतर्राष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन है। इसका मुख्यालय ग्लैंड (स्विट्जरलैंड) में है।
स्रोत – द हिन्दू