शीघ्र ही बेंगलुरु में लिथियम आयन बैटरी के लिए एक फैब्रिकेशन प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी। इस लैब हेतु इंटरनेशनल एडवांस्ड रिसर्च सेंटर फॉर पाउडर मेटलर्जी एंड न्यूमैटेरियल्स (ARCI) ने तकनीकी हस्तांतरण और कर्मियों के प्रशिक्षण के लिए एक निजी फर्म के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस समझौते का उद्देश्य लिथियम आयन प्रौद्योगिकी के उन्नयन और व्यावसायीकरण को बढ़ावा देना है। लिथियम एक दुर्लभ तत्व है, जो आमतौर पर भारत में नहीं पाया जाता है। भारत वर्तमान में अपनी सभी लिथियम आवश्यकताओं के लिए आयात पर निर्भर है।
ध्यातव्य है कि चीन, हांगकांग और वियतनाम इसके आयात के प्रमुख स्रोत हैं।
लिथियम आयन बैटरी के बारे में
- लिथियम आयन बैटरी एक प्रकार की रिचार्जेबलबैटरी होती है। यह ऋणात्मक (एनोड) और धनात्मक (कैथोड) इलेक्ट्रोड्स के बीच गतिमान लिथियमआयनों द्वारा चार्ज व डिस्चार्ज होती है।
- इसके अनुप्रयोगों में उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे स्मार्टफोन एवं पर्सनल कंप्यूटर, औद्योगिक रोबोट, उत्पादन उपकरण और ऑटोमोबाइल शामिल हैं।
- अन्य बैटरियों की तुलना में लिथियम आयन बैटरी के लाभों में उच्च ऊर्जा घनत्व, उच्च वोल्टेज, दीर्घ उपयोगावधि, कमसेल्फ-डिस्चार्ज दर, कम रखरखाव लागत आदि शामिल हैं। यह पर्यावरण के अनुकूल भी है, क्योंकि इनमें विषाक्त पदार्थ कैडमियम नहीं होता है।
हानियां
- उपयोग के दौरान अत्यधिक गर्म होने की प्रवृत्ति, उच्च वोल्टेज पर क्षतिग्रस्त होने का खतरा एवं अन्य बैटरियों की तुलना में अधिक कीमत इत्यादि शामिल हैं।
- लिथियम का निष्कर्षण -लिथियम की खोज सबसे पहले पेटालाइट खनिज में की गई थी। लेपिडोलाइट और स्पोड्यूमिन अन्य सामान्य खनिज हैं, जिनमें लिथियम पाया जाता है।
लिथियम का निष्कर्षण निम्नलिखित तरीकों से संभव है:
- प्राथमिक संसाधनों जैसे अयस्कों/खनिजों (स्पोड्यूमिन, पेटालाइट और लेपीडोलाइट) से एसिड, अल्कलाइन एवं क्लोरीनीकरणप्रक्रियाओं द्वारा तथा लवणीय जल (brings) से अवशोषण, अवक्षेपण (Precipitation) व आयन विनिमय प्रक्रियाओं द्वारा इत्यादि।
- लिथियम आयन बैटरी (LIB) से लिथियम की पुनप्ति जैसी औद्योगिकप्रक्रियाओं सहित द्वितीयक संसाधन।
स्रोत – द हिन्दू