अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी द्वारा “लाइफ लेसन्स फ्रॉम इंडिया (LiFE)” शीर्षक रिपोर्ट जारी
हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) ने “लाइफ (LiFE) लेसन्स फ्रॉम इंडिया” शीर्षक से रिपोर्ट जारी की है।
यह रिपोर्ट इस बात का परीक्षण करती है कि भारत ने किस प्रकार अपनी ऊर्जा संक्रमण रणनीति में कई नीतियों को एकीकृत किया है, जो LiFE पहल के अनुकूल हैं।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष–
- लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट (LiFE) उपायों को अपनाने से 2030 में वैश्विक वार्षिक CO2 उत्सर्जन में 2 बिलियन टन तक की कमी आएगी।
- लाइफ उपायों से 2030 में वैश्विक स्तर पर उपभोक्ताओं को लगभग 440 बिलियन डॉलर की बचत होगी।
- भारत की अर्थव्यवस्था पहले से ही वैश्विक और G20 देशों की औसत ऊर्जा दक्षता की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक ऊर्जा दक्ष है।
- भारत को 50% से 100% तक विद्युत कवरेज प्राप्त करने में अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में कम समय लगा है ।
- लाइफ मिशन को भारत के प्रधान मंत्री ने 2021 में COP -26 में प्रस्तुत किया था । इसका उद्देश्य व्यक्तियों और समुदायों को ऐसी जीवन शैली का अभ्यास करने के लिए प्रेरित करना है, जो प्रकृति के अनुकूल हो और उसे नुकसान न पहुंचाए ।
- लाइफ में ‘उपयोग और निपटान (Use-and-Dispose) अर्थव्यवस्था की बजाये चक्रीय अर्थव्यवस्था को अपनाने का लक्ष्य रखा गया है।
- इस मिशन की योजना ‘प्रो-प्लैनेट पीपल’ (P3) कहे जाने वाले व्यक्तियों का एक वैश्विक नेटवर्क बनाने और उसे बढ़ावा देने की है।
- प्रो-प्लैनेट पीपल का आशय ऐसे व्यक्तियों से है, जिनके पास पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली को अपनाने और उसे बढ़ावा देने के लिए एक साझी प्रतिबद्धता होगी
- लाइफ मिशन को नीति आयोग मार्गदर्शन प्रदान कर रहा है। इसका कार्यान्वयन पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है ।
कार्यान्वयन अवधि : 2022 से 2027
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी–
- इसकी स्थापना 1974 में की गई थी। इसे तेल की आपूर्ति में किसी बड़ी बाधा से सामूहिक रूप निपटने में समन्वय करने के लिए स्थापित किया गया था ।
- भारत इसका एक एसोसिएट सदस्य है । इसका मुख्यालय फ्रांस की राजधानी पेरिस में है ।
स्रोत – लाइव मिंट