लघु मॉड्यूलर रिएक्टर

लघु मॉड्यूलर रिएक्टर

हाल ही में भारत और अमेरिका ने अमेरिकी कम्पनी वेस्टिंगहाउस इलेक्ट्रिक कंपनी (डब्ल्यूईसी) द्वारा आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में कोव्वाडा परमाणु परियोजना के हिस्से के रूप में छह परमाणु रिएक्टर स्थापित करने की योजना बनाई है।

दोनों देश घरेलू बाजार और निर्यात के लिए अगली पीढ़ी के लघु मॉड्यूलर रिएक्टर (Small-modular reactor: SMR) प्रौद्योगिकियों को संयुक्त रूप से विकसित करने के लिए भी बातचीत कर रहे हैं।

लघु -मॉड्यूलर रिएक्टर

लघु -मॉड्यूलर रिएक्टर एडवांस्ड परमाणु रिएक्टर हैं जिनकी क्षमता 300 मेगावाट प्रति यूनिट तक होती है, जो पारंपरिक परमाणु ऊर्जा रिएक्टरों की उत्पादन क्षमता का लगभग एक तिहाई है।

अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के अनुसार, लघु मॉड्यूलर रिएक्टर के सिस्टम्स और कंपोनेंट्स को कारखाने में असेम्ब्ल किया जा सकता है और स्थापना के लिए एक यूनिट के रूप में एक स्थान पर ले जाना संभव बनाते हैं। इसके लागत और निर्माण समय में अधिक बचत होती है।

बड़े परमाणु संयंत्रों की तुलना में ये सरल और सुरक्षित हैं।

SMR ईंधन भरने की आवश्यकता के बिना भी लंबे समय तक काम करते हैं। वहीं पारंपरिक परमाणु संयंत्रों को 1 से 2 साल में ईंधन भरने की आवश्यकता होती है, SMR को हर 3 से 7 साल में ईंधन भरने की आवश्यकता होती है।

17 देशों में 70 से अधिक SMR डिज़ाइन विकासाधीन हैं। कई देश पहले ही SMR प्रौद्योगिकी में भारी निवेश कर चुके हैं।

हाल ही में संयुक्त राज्य परमाणु विनियामक आयोग ने 50 मेगावाट SMR के 12 मॉड्यूल वाले 600 मेगावाट क्षमता के संयंत्र के लिए न्यूस्केल पावर कंपनी के डिजाइन को मंजूरी दे दी। उनमें से कुछ के 2030 से पहले चालू होने की उम्मीद है।

रूस में, एकेडमिक लोमोनोसोव नामक एक SMR, जिसकी 77 मेगावाट बिजली उत्पादन करने की क्षमता है, 2019 की शुरुआत में चालू किया गया था। रूस का रोसाटॉम 100 मेगावाट क्षमता के साथ भारी धातु शीतलक पर आधारित एक रिएक्टर भी बना रहा है।

हाल ही में, चीन ने एक उच्च तापमान गैस-कूल्ड मॉड्यूलर पेब्बल बेड प्रदर्शन SMR चालू किया।

स्रोत – बिजनेस स्टैण्डर्ड

Download Our App

More Current Affairs

Share with Your Friends

Join Our Whatsapp Group For Daily, Weekly, Monthly Current Affairs Compilations

Related Articles

Youth Destination Facilities

Enroll Now For UPSC Course