जलवायु परिवर्तन का विकासशील छोटे द्वीपीय राष्ट्रों पर प्रभाव

जलवायु परिवर्तन का विकासशील छोटे द्वीपीय राष्ट्रों पर प्रभाव

हाल ही में लघु द्वीपीय देशों का गठबंधन (Alliance of Small Island States – AOSIS) तथा अन्य विकासशील देश हानि और क्षति (Loss and damage) के लिए वित्तपोषण में कोई प्रगति नहीं होने से चिंतित हैं।

  • लघु द्वीपीय विकासशील देशों (Small Island Developing States-SIDS) के अनुसार विकसित देश हानि और क्षति का वित्तपोषण करने से पीछे हट गए हैं।
  • हानि और क्षति वित्तपोषण उन देशों द्वारा भुगतान किया गया धन है, जो जीवाश्म ईंधन में निवेश से आर्थिक रूप से लाभान्वित हुए हैं।
  • यह धन उन देशों को भुगतान किया जाता है, जो जलवायु परिवर्तन से होने वाले प्रत्यक्ष अपरिहार्य हानि और स्थायी क्षति का सामना करते हैं।
  • कई लघु द्वीपीय देशों ने चीन एवं भारत जैसे बड़े विकासशील देशों से भी हानि और क्षति से निपटने में धन का योगदान देने की मांग की है ।
  • भारत का तर्क है कि वित्तीय, तकनीकी, क्षमता निर्माण आदि जैसी सहायता प्रदान करने की जिम्मेदारी वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में संचयी योगदान पर आधारित है ।
  • जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल (IPCC) की छठी आकलन रिपोर्ट के अनुसार, संचयी उत्सर्जन में भारत की हिस्सेदारी 4 प्रतिशत से भी कम है।
  • अमेरिका के नेतृत्व वाले विकसित देश चाहते हैं कि हानि और क्षति का वित्त पोषण मौजूदा वित्तीय साधनों के माध्यम से हो। वे किसी नई व्यवस्था की स्थापना का समर्थन नहीं करते हैं।

SIDS क्या है?

  • SIDS कैरेबियन सागर और अटलांटिक महासागर, हिंद और प्रशांत महासागरों के द्वीपों पर स्थित 58 द्वीपीय देशों का एक विशेष समूह है।
  • ये अपनी भू-भौतिकीय और संरचनात्मक सीमाओं के कारण विशेष सामाजिक, आर्थिक तथा पर्यावरणीय सुभेद्यताओं का सामना करते हैं।
  • पर्यावरण और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में जून, 1992 में विकासशील देशों के एक अलग समूह के रूप में SIDS को मान्यता दी गई थी।
  • सतत् विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के दौरान संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में सतत् विकास पर अपनाई गई ‘द फ्यूचर वी वांट’ (The Future We Want) में SIDS की समस्याओं को उजागर किया गया है।
  • संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा का गठन जून 2012 में किया गया था। ध्यातव्य है कि सतत् विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन को RIO+20 या RIO 2012 भी कहा जाता है।

SIDS के लिए की गई पहलें

  • आपदा-रोधी अवसंरचना के लिए गठबंधन (CDRI) लघु द्वीपीय विकासशील देशों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर रेसिलिएंट आइलैंड स्टेट्स (IRIS ) की स्थापना कर रहा है।
  • इसका उद्देश्य इन द्वीपीय देशों की अवसंरचनाओं को जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रतिरोधी बनाने के लिए गुणवत्तापूर्ण तकनीकी और वित्तीय सेवाएं प्रदान करना है।
  • संयुक्त राष्ट्र ने बारबाडोस प्रोग्राम ऑफ एक्शन, मॉरीशस स्ट्रैटेजी, समोआ (SAMOA) पाथवे आदि जैसी पहलें शुरू की हैं।

अंतरसरकारी संगठनों से सहायता : कैरिबियन समुदाय (CARICOM), प्रशांत द्वीपसमूह मंच (PIF) और हिंद महासागर आयोग (IOC)।

स्रोत – द हिन्दू

Download Our App

More Current Affairs

Share with Your Friends

Join Our Whatsapp Group For Daily, Weekly, Monthly Current Affairs Compilations

Related Articles

Youth Destination Facilities

Enroll Now For UPSC Course