CERT – In द्वारा रैंसमवेयर रिपोर्ट, 2022 जारी
हाल ही में भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल (CERT – In) ने रैंसमवेयर रिपोर्ट, 2022 जारी की है।
CERT – In, कंप्यूटर सुरक्षा से संबंधित घटनाओं पर प्रतिक्रिया करने वाली राष्ट्रीय नोडल एजेंसी है। यह इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन कार्य करती है।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष
- वर्ष 2021 की तुलना में 2022 में रैंसमवेयर की घटनाओं में 53 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
- इस वर्ष न केवल धन, बल्कि भू-राजनीतिक संघर्षों ने भी रैंसमवेयर हमलों को बढ़ाने में योगदान किया है।
- महत्वपूर्ण क्षेत्रकों में व्यापक रैंसमवेयर हमले हुए हैं। साथ ही, इसकी बारम्बारता व जटिलता में भी वृद्धि हुई है।
- लॉकबिट भारत में सबसे ज्यादा कुख्यात रैंसमवेयर वेरिएंट था। इसके बाद मैकोप और DJVU / स्टॉप रैंसमवेयर का स्थान था ।
- वर्ष 2022 में वाइस सोसाइटी और ब्लू स्काई जैसे नए वेरिएंट देखे गए थे। सूचना प्रौद्योगिकी (IT) और IT – सक्षम सेवा क्षेत्रक रैंसमवेयर हमले से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रक था।
- इसके बाद वित्त और विनिर्माण क्षेत्रक थे। रैंसमवेयर – एज – ए – सर्विस (Raas) इकोसिस्टम प्रमुखता प्राप्त करता जा रहा है।
- मैकोप और फोबोस रैंसमवेयर समूहों ने मुख्य रूप से मध्यम एवं छोटे संगठनों को लक्षित किया है। इसके विपरीत Djvu/ स्टॉप जैसे वैरिएंट व्यक्तियों को लक्षित करते हैं।
- रैंसमवेयर मैलवेयर की एक श्रेणी है। यह कम्प्यूटर तक पहुंच प्राप्त करता है और उन्हें उनके वैध उपयोगकर्ताओं के लिए अनुपयोगी बना देता है।
स्रोत – द हिन्दू