‘रेलवे के लिए स्टार्टअप्स’ नाम से भारतीय रेलवे नवाचार नीति प्रस्तुत
हाल ही में रेल मंत्रालय ने ‘रेलवे के लिए स्टार्टअप्स’ नाम से भारतीय रेलवे नवाचार नीति प्रस्तुत की है।
इस नीति का उद्देश्य भारतीय स्टार्टअप्स/सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME)/ नवोन्मेषक/ उद्यमियों द्वारा विकसित नवीन तकनीकों का लाभ उठाना है। इससे भारतीय रेलवे की परिचालन दक्षता और सुरक्षा में सुधार हो सकेगा।
भारतीय रेलवे नवाचार नीति की मुख्य विशेषताएं
- समान साझेदारी के आधार पर नवोन्मेषकों को 5 करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जायेगा। नयी उपलब्धि पर भुगतान का प्रावधान भी किया गया है।
- स्टार्टअप के चयन सहित पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है।समय-सीमा भी निर्धारित की गयी है। इससे प्रक्रिया को पारदर्शी और उद्देश्यपूर्ण बनाया जा सकेगा।
- रेलवे में प्रोटोटाइप का परीक्षण किया जाएगा। प्रोटोटाइप के सफल प्रदर्शन करने पर इसके उपयोग को बढ़ाने के लिए बढ़ी हुई धनराशि प्रदान की जाएगी।
- विकसित बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) केवल नवोन्मेषकों के पास ही रहेंगे।
रेलवे में नवाचार का महत्व
भारतीय रेलवे विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है। प्रतिदिन लगभग 23 करोड़ लोग इससे यात्रा करते हैं। इसके अलावा, रेलवे प्रतिदिन लगभग 38 लाख टन माल की दुलाई करता है।
लेकिन यह वर्तमान में कई बाधाओं से ग्रस्त है। इनमें प्रमुख बाधाएं निम्नलिखित हैं:
- रेल नेटवर्क काफी व्यस्त है, और अवसंरचना पर अधिक दबाव है;
- रेल परिचालन लागत अधिक है, जबकि आंतरिक स्तर पर कम राजस्व प्राप्त होता है;
- प्रदान की जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता और सुरक्षा 82 पर भी सवाल उठते रहे हैं;
- कुछ तकनीकी मुद्दे भी मौजूद हैं आदि।
स्टार्टअप्स और रेलवे के बीच संबंध से उपर्युक्त कुछ समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। रेल नेटवर्क के आधुनिकीकरण के लिए अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने तथा उद्यमिता और नवाचार को प्रोत्साहित करने में उनकी मदद ली जा सकती है।
स्रोत –द हिन्दू