रूस–चीन संयुक्त नौसेना अभ्यास
- हाल ही में रूस और चीन ने पूर्वी चीन सागर में संयुक्त नौसैनिक अभ्यास आरंभ किया है।
- इस अभ्यास का मुख्य लक्ष्य रूसी संघ और पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के बीच नौसैनिक सहयोग को मज़बूत करना और एशिया प्रशांत क्षेत्र में शांति तथा स्थिरता बनाए रखना है।
- यह संयुक्त अभ्यास समुद्री सुरक्षा खतरों का संयुक्त रूप से जवाब देने के लिये दोनों पक्षों के दृढ़ संकल्प और क्षमता का प्रदर्शन करने तथा चीन-रूस व्यापक नए युग की रणनीतिक समन्वय साझेदारी को और बेहतर करने के लिये निर्देशित किया जाता है।
- रूस और चीन ने भी विगत एक वर्ष में लगातार कई सैन्य अभ्यास किये हैं, इसके अंतर्गत मई 2022 में दोनों देशों ने परमाणु-सक्षम बमवर्षकों(bombers) की उड़ान का परीक्षण किया था।
- इसके बाद सितंबर 2022 में एक व्यापक संयुक्त अभ्यास किया गया जिसके अंतर्गत 2,000 से अधिक चीनी सैनिक, सैकड़ों सैन्य वाहन, लड़ाकू विमान और युद्धपोत शामिल थे।
चीन और रूस के साथ भारत का अभ्यास:
- चीन के साथ हैंड इन हैंड अभ्यास: इसका उद्देश्य संयुक्त योजना का अभ्यास करना और अर्द्ध-शहरी इलाकों में आतंकवाद विरोधी अभियानों का संचालन करना है।.
- रूस के साथ अभ्यास इंद्र (INDRA): यह अभ्यास अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी समूहों के खिलाफ एक संयुक्त बल द्वारा संयुक्त राष्ट्र के शासनादेश के तहत आतंकवाद विरोधी अभियान के संचालन में मदद करेगा।
- इस सैन्य अभ्यास की शुरुआत वर्ष 2003 में की गई थी, जिसे दोनों देशों के बीच बारी-बारी से द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास के रूप में आयोजित किया गया था।
- हालाँकि पहला संयुक्त त्रि-सेवा अभ्यास (Tri-Services Exercise) वर्ष 2017 में आयोजित किया गया था।
स्रोत – द हिन्दू