MNRE द्वारा संशोधित रीपॉवरिंग नीति का मसौदा जारी
हाल ही में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) ने संशोधित रीपॉवरिंग नीति का मसौदा जारी किया है।
जिसके अंतर्गत MNRE ने पवन ऊर्जा परियोजनाओं के लिए राष्ट्रीय रीपॉवरिंग नीति, 2022 के मसौदे पर राय मांगी है।
- यह नीति परियोजनाओं के विकासकर्ताओं के लिए उनके पुराने विंड टर्बाइनों को रीपॉवर करने हेतु शर्तों को निर्धारित करती है।
- रीपॉवरिंग का अर्थ है, कम प्रदर्शन करने वाले पवन ऊर्जा टर्बाइनों में सुधार लाना।
- इससे उन्हें अधिक कुशल बनाया जा सकता है। साथ ही, देश में उपलब्ध पवन ऊर्जा क्षमता का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित किया जा सकता है।
- राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान (NIWE) के एक अनुमान के अनुसार, देश में कुल स्थापित (installed) पवन ऊर्जा क्षमता 66 गीगावाट है। इसमें से 25 गीगावाट से अधिक की क्षमता वाले पवन टर्बाइनों को रीपॉवर किये जाने की जरूरत है।
- इसका उद्देश्य पवन ऊर्जा संसाधनों का अधिकतम उपयोग करना है। यह लक्ष्य परियोजना क्षेत्र के प्रति वर्ग किलोमीटर में ऊर्जा उत्पादन को अधिकतम करके और नवीनतम तटवर्ती पवन टरबाइन प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके पूरा किया जाएगा।
मुख्य निष्कर्ष –
- निगरानी और परामर्श के लिए MNRE पवन ऊर्जा रीपॉवरिंग समिति की नियुक्ति करेगा।
- भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी, नई पवन परियोजनाओं के लिए उपलब्ध ब्याज दर पर 25% की अतिरिक्त ब्याज दर छूट प्रदान करेगी।
- पवन ऊर्जा एक भरोसा देने वाला बाजार प्रस्तुत करती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि जलविद्युत ऊर्जा को कई तरह की पारिस्थितिक और वित्त पोषण संबंधी समस्यायों का सामना करना पड़ता है।
- सौर ऊर्जा परियोजनाएं सौर ऊर्जा उपकरणों के आयात की बढ़ती लागत से प्रभावित हैं।
रीपॉवरिंग के लिए पवन टर्बाइन की योग्यता–
- किसी क्षेत्र में पवन टर्बाइनों का एक सेट।
- ऐसे टर्बाइन, जिन्होंने अपना डिज़ाइन जीवन काल पूरा कर लिया है।
- प्रासंगिक भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) अधिनियम के तहत पहचाने गए सभी टर्बाइन।
- दो मेगावाट से कम क्षमता वाले पवन टर्बाइन
पवन ऊर्जा विकास हेतु पहलें:
- राष्ट्रीय पवन–सौर हाइब्रिड नीति: राष्ट्रीय पवन-सौर हाइब्रिड नीति, वर्ष 2018 का मुख्य उद्देश्य पवन और सौर संसाधनों, ट्रांसमिशन अवसंरचना और भूमि के कुशल उपयोग के लिये बड़े ग्रिड से जुड़े पवन-सौर PV हाइब्रिड प्रणालियों को बढ़ावा देने के लिये ढाँचा प्रदान करना है।
- राष्ट्रीय अपतटीय पवन ऊर्जा नीति: राष्ट्रीय अपतटीय पवन ऊर्जा नीति को अक्तूबर 2015 में भारतीय विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (EEZ) में 7,516.6 की भारतीय तटरेखा के साथ अपतटीय पवन ऊर्जा विकसित करने के उद्देश्य से अधिसूचित किया गया था।
स्रोत – द हिन्दू