रिट याचिका बैंकों की कार्यवाही के खिलाफ संधार्य नहीं: सर्वोच्च न्यायलय
हाल ही में, कर्नाटक उच्च न्यायालय में उधारकर्ताओं ने संविधान के अनुच्छेद 228 के तहत रिट याचिकाएं दायर की थीं। ये याचिकाएं एक परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी (ARC) के खिलाफ थीं। उच्चतम न्यायालय का यह निर्णय इन्हीं याचिकाओं के विरुद्ध अपील में आया है।
उच्चतम न्यायालय (SC) ने स्पष्ट किया है कि बैंकों की कार्यवाही के विरुद्ध रिट याचिका सुनवाई योग्य नहीं होंगी।
उच्चतम न्यायालय ने माना है कि:-
निजी बैंकों/परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (ARC) द्वारा सरफेसी अधिनियम (SARFAESI Act) के तहत शुरू की गई कार्यवाही को चुनौती देने वाली एक रिट याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। सरफेसी अधिनियम के तहत शुरू की गयी कार्यवाही से दुखी उधारकर्ताओं को उसी कानून से राहत मिलेगी। इसका कारण यह है कि सरफेसी अधिनियम बहुत जल्दी और प्रभावी कानूनी उपाय प्रदान करता है।
वित्तीय आस्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्गठन तथा प्रतिभूति हित का प्रवर्तन अधिनियम, 2002 (SARFAESI Act /सरफेसी अधिनियम)
- यह न्यायालयों के हस्तक्षेप के बिना बैड लोन्स या गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (NPAs) के पुनर्गठन में मदद करता है।
- अधिनियम ARCsको बैडलोन्स या NPAs के प्रतिभूतिकरण और परिसंपत्ति पुनर्गठन को सुविधाजनक बनाने के लिए अधिकार प्रदान करता है। इससे जल्दी समाधान मिलता है और व्यवस्था में तरलता सुनिश्चित की जा सकती है।
- ARCs को कंपनी अधिनियम के तहत कंपनी घोषित किया गया है। साथ ही, इन्हें सरफेसी अधिनियम, 2002 के तहत RBI में पंजीकृत किया गया है।
- यदि कर्जदार से ऋण नहीं चुकाया जाता है तो यह केवल सुरक्षित ऋणदाताओं को ही जमानत के रूप में रखी गई परिसंपत्ति पर अधिकार करने की अनुमति देता है।
- सुरक्षित ऋणदाता वे होते हैं, जिनसे ऋण लेने के बदले में उधारकर्ता उनके पास कोई संपत्ति गिरवी रखता है।
प्रमुख परिभाषाएं:
- परिसंपत्ति पुनर्गठनः जब बैंक दिए गए ऋणों, अग्रिमों या डिबेंचर्स की वसूली नहीं कर पाते हैं, तो परिसंपत्ति पुनर्गठन के तहत बैंकों से अनुबंध करके इन्हें फिर से वसूल करने का प्रयास किया जाताहै। यह कार्य ARCs करती हैं।
- प्रतिभूतिकरणः यह या तो योग्य खरीदारों को प्रतिभूति रसीदजारी करके या किसी अन्य माध्यम से बैंकों से वित्तीय संपत्ति की प्राप्ति है। ऐसी प्रतिभूति रसीदें वित्तीय आस्तियों में अविभाजितब्याज को प्रस्तुत करेंगी।
- ARC या बैड बैंक: यह एक विशेष प्रकार का वित्तीय संस्थान है।यह बैंक की देनदारियों को परस्पर सहमत मूल्य पर खरीदता है। यह ऋण या संबंधित प्रतिभूतियों को स्वयं वसूल करने का प्रयास करता है।
स्रोत –द हिन्दू