रासायनिक हथियार निषेध संगठन’ (OPCW) हेतु ‘बाह्य लेखा परीक्षक’

रासायनिक हथियार निषेध संगठन’ (OPCW) हेतु ‘बाह्य लेखा परीक्षक’ 

भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) को तीन साल के कार्यकाल के लिए रासायनिक हथियार निषेध संगठन (OPCW) का लेखा परीक्षक (ऑडिटर) चुना गया है।

उनकी नियुक्ति हाल ही में आयोजित OPCW सम्मेलन में एक चुनाव प्रक्रिया के माध्यम से की गई थी। इनका कार्यकाल वर्ष 2021 से शुरू होगा।

OPCW सम्मेलन के दौरान, भारत को एशिया समूह के प्रतिनिधि के रूप में और दो वर्ष के लिए OPCW की कार्यकारी परिषद के सदस्य के रूप में भी चुना गया है।

OPCWकी कार्यकारी परिषद

  • यह रासायनिक हथियार के निषेध संगठन (OPCW) के लिए संगठन का शासी निकाय है।
  • इस ‘कार्यकारी परिषद’ में 41 OPCWसदस्य देश शामिल हैं, जो सदस्य देशों के परामर्श से चुने जाते हैं और वे प्रत्येक दो साल में बदल जाते हैं।
  • परिषद तकनीकी सचिवालय के कार्यक्रमों की देखरेख करती है और कन्वेंशन के प्रभावी कार्यान्वयन और अनुपालन को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार है।
  • प्रत्येक सदस्य देश को कार्यकारी परिषद के लिए अनुक्रमिक आधार पर चुने जाने का अधिकार है।

रासायनिक हथियार निषेध संगठन(OPCW)

  • रासायनिक हथियार निषेध संगठन’संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा समर्थित एक स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय संगठन है, जो 29 अप्रैल, 1997 को अस्तित्त्व में आया था।
  • रासायनिक हथियार निषेध संगठन अर्थात ऑर्गनाइज़ेशन फ़ॉर प्रोहिबिशन ऑफ़ केमिकल वेपंस(OPCW) ,रासायनिक हथियार अभिसमय (CWC) के प्रावधानों को क्रियान्वित कराता है|
  • परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) के तहत संधि पर हस्ताक्षर करने वाले देशों के लिए रासायनिक हथियारों के उपयोग, भंडारण, या हस्तांतरण पर प्रतिबंध लगाया गया है।
  • OPCW मुख्यालय नीदरलैंड के हेग में स्थित है। OPCW में 193 हस्ताक्षरकर्त्ता देश हैं, जो वैश्विक आबादी के 98% का प्रतिनिधित्व करते हैं।
  • इज़रायल एक ऐसा देश है जिसने इस संधि पर हस्ताक्षर तो किये हैं लेकिन रासायनिक हथियार अभिसमय (CWC) की पुष्टि नहीं की है।
  • 14 जनवरी, 1993 में भारत ने रासायनिक हथियार अभिसमय (CWC) में हस्ताक्षर किये हैं|
  • रासायनिक हथियारों को खत्म करने के व्यापक प्रयासों के लिए इस संगठन को 2013 के नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

CWC में किये गये निषेध

  • रासायनिक हथियारों का निर्माण, उत्पादन, अधिग्रहण और भंडारण करना|
  • रासायनिक हथियारों को प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष ढंग से स्थानांतरित करना|
  • रासायनिक हथियारों का सैन्य प्रयोग करना|
  • संधि द्वारा निषिद्ध गतिविधियों में अन्य देशों को लिप्त करना या सहायता पहुंचाना या प्रोत्साहित करना|

स्रोत – द हिन्दू

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