राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग संशोधन विधेयक
हाल ही में संसद सत्र में लोकसभा ने राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग (संशोधन) विधेयक तथा राष्ट्रीय भारतीय आयुर्विज्ञान प्रणाली आयोग (संशोधन) विधेयक पारित कियेगए है ।
- राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग (संशोधन) विधेयक, 2021 (National Commission for Homoeopathy (Amendment) Bill, 2021), राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग अधिनियम, 2020 में संशोधन करने का प्रस्ताव प्रस्तुत करता है।
- इसका उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण और वहनीय चिकित्सा शिक्षा तक पहुंच में सुधार करने वाली चिकित्सा शिक्षा प्रणाली प्रदान करना है।
- यह निर्दिष्ट करता है कि शासी बोर्ड (1973 के अधिनियमके तहत गठित) द्वारा राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग अधिनियम, 2020 के प्रारंभ से ठीक पूर्व किए गए सभी कृत्य और निरसित अधिनियम के अधीन केंद्रीय परिषद द्वारा प्रयोग की गई सभी शक्तियां और किए गए सभी कृत्य इस अधिनियम के अधीन समझे जाएंगे एवं तदनुसार प्रवृत्त रहेंगे।
- वर्ष 2020 के अधिनियम ने होम्योपैथी केंद्रीय परिषद अधिनियम, 1973 (Homoeopathy Central Council Act, 1973) को प्रतिस्थापित किया है। वहीं होम्योपैथी केंद्रीय परिषद (1973 अधिनियम द्वारा स्थापित) को होम्योपैथिक शिक्षा और अभ्यास को विनियमित करने के लिए अधिदेशित एक राष्ट्रीय आयोग द्वारा प्रतिस्थापित कर दिया गया था।
- राष्ट्रीय भारतीय आयुर्विज्ञान प्रणाली आयोग (संशोधन) विधेयक, 2021 (National Commission for Indian System of Medicine (Amendment) Bill, 2021) को भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद अधिनियम, 1970 को निरसित करने के लिए प्रस्तुत किया गया है। यह विधेयक देश भर में भारतीय चिकित्सा प्रणाली के चिकित्सा पेशेवरों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य पर केंद्रित है।
- यह निर्दिष्ट करता है कि शासी बोर्ड (1970 के अधिनियम के तहत) किए गए सभी कृत्य और निरसित अधिनियम के अधीन केंद्रीय परिषद द्वारा प्रयोग की गई सभी शक्तियां और किए गए सभी कृत्य इस अधिनियम के अधीन किए हुए समझे जाएंगे एवं तदनुसार प्रवृत्त रहेंगे।
स्रोत – द हिन्दू