हाल ही में , पेगासस विवाद के दौरान यह तथ्य सामने आया है कि ‘राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय’ (National Security Council Secretariat -NSCS) पर केंद्र सरकार का वर्ष 2016-17 में व्यय 33 करोड़ रुपए से बढ़कर 333 करोड़ रुपए हो गया है ।
इस तरह से इस व्यय में तकरीबन 10 गुना की बढ़ोतरी हुई है।
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद
- सामरिक चिंता के राजनीतिक, आर्थिक, ऊर्जा और सुरक्षा मुद्दों की देखरेख करने वाला ‘राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद’ (NSC) एक त्रिस्तरीय संगठन है।
- ‘राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार’ (NSA) ‘राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद’ की अध्यक्षता करता है और वह प्रधानमंत्री का प्राथमिक सलाहकार भी होता है। वर्तमान में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल हैं।
गठन: वर्ष 1999 में इसका गठन किया गया था, और यह राष्ट्रीय सुरक्षा के सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श करता है।
त्रिस्तरीय संरचना: NSC में 3 स्तरीय संरचना शामिल है-
- रणनीतिक नीति समूह (SPG)
- राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB)
- राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय(NSCS)
- कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में SPG अंतर-मंत्रालयी समन्वय और एकीकरण के लिए प्रमुख मंच है।
- NSAB दीर्घकालिक मुद्दों का विश्लेषण करता है और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर दृष्टिकोण प्रदान करता है।
कार्य: यह भारत में प्रधानमंत्री के कार्यकारी कार्यालय के अंतर्गत संचालित होता है, सरकार की कार्यकारी शाखा और खुफिया सेवाओं के बीच संपर्क करता है एवं खुफिया तथा सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर नेतृत्व को सलाह देता है।
सदस्य : गृहमंत्री, रक्षामंत्री , विदेशमंत्री और वित्तमंत्री इसके सदस्य होते हैं।
स्रोत – द हिन्दू