राष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा समन्वयक (NMSC) की नियुक्त
हाल ही में, केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा समन्वयक (NMSC) को नियुक्त किया जाएगा ।
- कारगिल समीक्षा समिति की अनुशंसा के दो दशक उपरांत, केंद्र सरकार एक राष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा समन्वयक (National Maritime Security Coordinator: NMSC) को नियुक्त करने की तैयारी कर रही है।
- इसका उद्देश्य भारत की सुरक्षा संरचना और ऊर्जा सुरक्षा में वृद्धिकरना है।
राष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा समन्वयक (NMSC) के बारे में
- यह असैन्य और सैन्य समुद्री प्रक्षेत्रों के मध्य इंटरफेस केरूप में कार्य करेगा।
- यह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) के अधीन कार्यकरेगा।
- यह समुद्री सुरक्षा प्रक्षेत्र पर सरकार का प्रमुखपरामर्शदाता होगा।
- समुद्री सुरक्षा आंतरिक और बाह्य दोनों प्रकार के समुद्री पोतों की सुरक्षा के लिए प्रयोग किया जाने वाला एक सामान्य शब्द है। जिन खतरों से जलयानों और समटी अभियानों को सुरक्षा की आवश्यकता है, उनमें आतंकवाद, समुद्री जलदस्युता, डकैती, वस्तुओं एवं लोगों की अवैधतस्करी, अवैध मत्स्यन तथा प्रदूषण शामिल हैं।
NMSC का महत्व
दक्षता में सुधारः चूंकि नौसेना, तटरक्षक बल औरराज्य समुद्री बोर्ड सभी अतिव्यापी अधिकार क्षेत्र के साथ बिना किसी सहयोग के कार्य करते हैं तथा उनमें लगातार एक-दूसरे के साथ समन्वय का अभाव भी रहता है।
समुद्री और ऊर्जा सुरक्षाः ज्ञातव्य है कि चीन भारतीय समुद्री क्षेत्र के माध्यम से अफ्रीका के पूर्वी समुद्री तटतक पहुंचने की योजना निर्मित कर रहा है।
NMSC का निर्माण एक्ट ईस्ट पॉलिसी विजन काभाग है, जिसमें क्षेत्र में सभी की सुरक्षा और विकास (Security and Growth of All in the Region: SAGAR/सागर), डीप ओशन मिशन तथा सागरमाला परियोजना भी शामिल हैं।
स्रोत – द हिन्दू