पर्यटन मंत्रालय (MoT) ने ‘राष्ट्रीय सतत पर्यटन रणनीति (NSST) जारी की
पर्यटन मंत्रालय (MoT) ने ‘राष्ट्रीय सतत पर्यटन रणनीति (NSST) जारी की और जिम्मेदार पर्यटक अभियान शुरू किया।
यह रणनीति (NSST) सतत और जिम्मेदार पर्यटन गंतव्यों के विकास पर राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन में जारी की गयी है।
यह सम्मेलन पर्यटन मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम और रेस्पोंसिबल टूरिज्म सोसाइटी ऑफ इंडिया के साथ साझेदारी में आयोजित किया था।
NSST के निम्नलिखित लक्ष्य हैं:
- भारतीय पर्यटन क्षेत्र में संधारणीयता को मुख्यधारा में लाना, तथा
- प्राकृतिक और सांस्कृतिक संसाधनों की सुरक्षा करते हुए अधिक लचीला, समावेशी, कार्बन तटस्थ व संसाधन कुशल पर्यटन सुनिश्चित करना।
संधारणीय पर्यटन में निम्नलिखित शामिल हैं:
- इस तरह के पर्यटन में वर्तमान और भविष्य के आर्थिक, सामाजिक एवं पर्यावरणीय प्रभावों का संपूर्ण आकलन निहित पर्यावरणीय होता है।
- यह आगंतुकों, उद्योग, पर्यावरण और मेजबान समुदायों की जरूरतों को पूरा करता है।
मुख्य सिद्धांतः
- पर्यावरणीय संधारणीयताः संसाधन दक्षता तथा प्राकृतिक विरासत और जैव विविधता का संरक्षण।
- सामाजिक–सांस्कृतिक संधारणीयताः मेजबान समुदायों की सामाजिक-सांस्कृतिक प्रामाणिकता का सम्मान करना, उनकी निर्मित और जीवित सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण करना आदि ।
- आर्थिक संधारणीयताः सभी हितधारकों को सामाजिक-आर्थिक लाभ प्रदान करना, आदि।
इस रणनीति में सात रणनीतिक स्तंभों की पहचान की गयी है।
रणनीति के प्रमुख हितधारक हैं: केंद्रीय मंत्रालय; राज्य सरकारें; स्थानीय सरकारी संस्थान; उद्योग;गैर-सरकारी संगठन तथा स्थानीय समुदाय।
यह रणनीति निम्नलिखित सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में मदद कर सकती है:
- सतत विकास लक्ष्य–8: पूर्ण और उत्पादक रोजगार तथा सभी के लिए गरिमापूर्ण कार्य ।
- सतत विकास लक्ष्य–12: संधारणीय उपभोग और उत्पादन।
- सतत विकास लक्ष्य–14: महासागरों, समुद्रों और समुद्री संसाधनों का संरक्षण तथा संधारणीय उपयोग ।
स्रोत –द हिन्दू