2022-32 की अवधि के लिए राष्ट्रीय विद्युत योजना (NEP)अधिसूचित
हाल ही में केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (CEA) ने 2022-32 की अवधि के लिए राष्ट्रीय विद्युत योजना (NEP) को अधिसूचित किया है।
NEP में पिछले पांच वर्षों (2017 – 22 ) की समीक्षा, अगले पांच वर्षों ( 2022 – 27 ) के लिए एक विस्तृत योजना और 2027-32 के लिए एक संभावित योजना शामिल हैं।
विद्युत अधिनियम, 2003 के अनुसार CEA को राष्ट्रीय विद्युत नीति के अनुसार एक NEP तैयार करनी होगी। साथ ही, पांच वर्षों में एक बार ऐसी योजना को अधिसूचित करना होगा ।
NEP की मुख्य विशेषताएं
विद्युत की अधिकतम मांग 2021-22 की 203 गीगावाट (GW) से बढ़कर 2026-27 में 277.2 गीगावाट हो जाएगी।
वर्ष 2026-27 के लिए विद्युत की संभावित
स्थापित क्षमता 609,591 मेगावाट होगी। इसमें 57.4% योगदान गैर – जीवाश्म आधारित स्रोतों का होगा। अप्रैल 2023 में कुल विद्युत स्थापित क्षमता में गैर-जीवाश्म स्रोतों का योगदान लगभग 42.5% था।
स्थापित नवीकरणीय विद्युत क्षमता में सर्वाधिक योगदान सौर ऊर्जा का होगा। इसके बाद पवन ऊर्जा, जल-विद्युत, बायोमास और बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली का योगदान होगा।
अनुमानित कुल कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) उत्सर्जन 2021-22 के 1002 मिलियन टन से बढ़कर 2031-32 में 1100 मिलियन टन हो जाएगा।
कोयला आधारित विद्युत स्टेशनों से औसत कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन दर में गिरावट की प्रवृत्ति देखी जा रही है ।
यह इस बात का संकेत है कि कोयला आधारित विद्युत संयंत्रों से विद्युत उत्पादन की दक्षता में सुधार हो रहा है ।
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण ( CEA )
उत्पत्ति: यह एक वैधानिक संस्था है । इसका गठन विद्युत अधिनियम, 2003 के तहत किया गया है ।
कार्य: यह केंद्र सरकार को राष्ट्रीय विद्युत नीति से संबंधित मामलों पर सलाह देता है। साथ ही, विद्युत प्रणाली के विकास के लिए अल्पकालिक और परिप्रेक्ष्य योजना तैयार करता है ।
यह विद्युत संयंत्रों और विद्युत लाइनों के लिए तकनीकी मानक एवं सुरक्षा आवश्यकताएं भी निर्धारित करता है;
यह विद्युत के अंतर्राज्यीय पारेषण (ट्रांसमिशन) तथा विद्युत उत्पादन कंपनियों के प्रशुल्क को विनियमित करता है आदि ।
सदस्य: इसमें अध्यक्ष सहित अधिकतम 14 सदस्य होते हैं, जो केंद्र सरकार के प्रसाद – पर्यन्त पद धारण करते हैं। इसका मुख्यालय नई दिल्ली हैं।
स्रोत – पी.आई.बी.