राष्ट्रीय विद्युत नीति 2005 में संशोधन
हाल ही में सरकार द्वारा राष्ट्रीय विद्युत नीति (NEP), 2005 में संशोधन किया जाएगा जिसके तहत अब नई राष्ट्रीय विद्युत नीति (National electricity policy: NEP) 2021 मांग, जलवायु लक्ष्यों आदि पर भी विचार करेगी।
- साथ ही, जलवायु प्रतिबद्धताओं के आलोक में विशेष रूप से गठित विशेषज्ञ समिति द्वारा NEP 2021 के मसौदे के निर्माण की प्रक्रिया भी जारी है।
- NEP-2021 भविष्य के लिए इष्टतम विनियामक व्यवस्था पर ध्यान केंद्रित करेगी। यह कुछ सफल पहलों के एक ढांचे की रूपरेखा तैयार करेगी। साथ ही, यह नए मध्यम अवधि के उद्देश्यों का निर्धारण करेगी, जो पिछली उपलब्धियों पर आधारित होंगे। यह इन उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए विभिन्न उपायों की पहचान भी करेगी।
- नई कोयला आधारित विद्युत का उत्पादन तब तक नहीं किया जाना चाहिए, जब तक कि पुरानी इकाइयों को प्रतिस्थापित न किया जाए और/या गैर-जीवाश्म स्रोत, ऊर्जा की मांग को पूरा करने में सक्षम न हों।
- पुरानी ताप विद्युत उत्पादन इकाइयों कोसेवामुक्त कर देना चाहिए। साथ ही, मौजूदा ताप संयंत्रों को रेट्रोफिटिंग करने और एक लचीले संचालन को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy: RE)
नवीकरणीय ऊर्जा के बढ़ते अनुपात को पूरा करने के लिए ग्रिड संचालन को अनुकूलित करने की आवश्यकता है।
वर्ष 1990-91 के बाद से भारत के कुल विद्युत उत्पादन में 5.85% प्रतिवर्ष की दर से वृद्धि हुई है, लेकिन अब भी संस्थापित कुल उत्पादन क्षमता का 55% हिस्सा कोयला आधारित विद्युत का है।
स्रोत – द हिन्दू